बेमेतरा ज़िले में संक्षिप्त गहन पुनरीक्षण कार्य में सहयोग की कमी और धीमी प्रगति पर जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। प्रशासन ने जनपद पंचायत बेमेतरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरोप है कि ग्राम सचिवों और वालंटियर्स द्वारा बी.एल.ओ. को पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा था, जिससे पुनरीक्षण कार्य प्रभावित हुआ। 9 नवंबर को ग्राम कांतेली में हुए औचक निरीक्षण में यह लापरवाही उजागर हुई, जिसके बाद जिला प्रशासन ने अधिकारी से 10 नवंबर 2025 तक स्पष्टीकरण देने को कहा है।
औचक निरीक्षण में खुली लापरवाही की पोल
जिला प्रशासन ने 9 नवंबर 2025 को ग्राम कांतेली में अचानक निरीक्षण किया, जहां ग्राम सचिवों और वालंटियर्स की ओर से बी.एल.ओ. को कोई सहयोग नहीं दिया जा रहा था। ग्रामवासियों ने भी इस बात की पुष्टि की। प्रशासन ने पाया कि इस लापरवाही के कारण संक्षिप्त गहन पुनरीक्षण कार्य की गति बेहद धीमी है और निर्धारित समयसीमा में काम पूरा करना असंभव होगा।
जनपद पंचायत स्तर पर निर्देशों की कमी का आरोप
निरीक्षण प्रतिवेदन के अनुसार, जनपद पंचायत स्तर से संबंधित सचिवों और वालंटियर्स को सहयोग के लिए कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किए गए थे। यह स्थिति निर्वाचन कार्य जैसे अति संवेदनशील कार्य के प्रति गंभीर उदासीनता को दर्शाती है। जिला प्रशासन ने इसे अत्यंत गंभीर माना और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बेमेतरा को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
10 नवंबर तक देना होगा जवाब, नहीं तो कार्रवाई तय
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि संबंधित अधिकारी को 10 नवंबर 2025 तक अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा। यदि जवाब असंतोषजनक पाया गया या तय समय में प्रस्तुत नहीं किया गया, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम जिला प्रशासन की ओर से चुनावी कार्यों में पारदर्शिता और तत्परता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बेमेतरा प्रशासन का यह कदम सरकारी कार्यप्रणाली में जवाबदेही और जिम्मेदारी का मजबूत संदेश देता है। निर्वाचन जैसे संवेदनशील कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब देखना यह होगा कि जनपद पंचायत के CEO क्या जवाब देते हैं, या फिर उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।

