छत्तीसगढ़ में 22 अगस्त को प्रदेश के पांच लाख से अधिक कर्मचारी और अधिकारी एकजुट होकर महा आंदोलन करेंगे। इस दौरान तहसील कार्यालय, जनपद पंचायत, स्कूल, कृषि विभाग, स्वास्थ्य, पीएचई, वन विभाग, डिप्टी कलेक्टर, सीईओ, बीईओ, डीईओ सहित तमाम विभागों के कामकाज ठप रहेंगे। ड्राइवर से लेकर अधिकारी, चपरासी से लेकर बाबू, मास्टर से लेकर पटवारी और सचिव से लेकर रोजगार सहायक तक हड़ताल में शामिल होंगे।
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प्रदेश के 120 से अधिक कर्मचारी-अधिकारी संगठन होंगे शामिल
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले यह आंदोलन सभी 33 जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन के रूप में होगा। फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा, राजेश चटर्जी, चंद्रशेखर तिवारी, केदार जैन, मनीष मिश्रा और अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि इस बार आंदोलन में पुरे प्रदेश के 120 से अधिक कर्मचारी-अधिकारी संगठन शामिल होंगे।
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प्रदेशव्यापी महा आंदोलन में शामिल होंगी कर्मचारियों-अधिकारियों की प्रमुख मांगें
- एलबी संवर्ग शिक्षकों की प्रथम सेवा गणना
- सहायक शिक्षक, पटवारी, लिपिक, ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक सहित विभिन्न संवर्ग की वेतन विसंगति दूर करना
- संविदा और दैनिक वेतनभोगियों का नियमितीकरण
- केंद्रीय कर्मचारियों के समान राज्य कर्मचारियों को एरियर्स सहित महंगाई भत्ता
- सभी लंबित मांगों की पूर्ति
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव 2023 में इन मुद्दों को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आए डेढ़ साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मांगें पूरी नहीं हुईं। फेडरेशन ने प्रदेश के सभी कर्मचारी और अधिकारियों से अपील की है कि 22 अगस्त को अपने-अपने जिला मुख्यालय के धरना-प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को सफल बनाएं और अपनी मांगों को सरकार तक मजबूती से पहुंचाएं। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।