*सरकार की उपेक्षा और बदइंतजामी से रोज बे-मौत मारी जा रही है गायें,गौठान बंद करने का दुष्परिणाम सड़को पर दिख रहा है: कांग्रेस
रायपुर/ 28 जुलाई 2025। मस्तूरी-रायपुर नेशनल हाईवे पर एक साथ 25 गायों के कुचल कर मारे जाने की घटना को सरकार की लापरवाही और उपेक्षा का परिणाम बताते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा गाय के नाम पर केवल राजनीति करती है, असलियत यह है कि विगत डेढ़ साल में छत्तीसगढ़ में गौवंशी पशुओं की संख्या तेजी से घट रही है। बिना वैकल्पिक व्यवस्था के इस सरकार ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर दुर्भावना पूर्वक गौठानो में ताले लगा दिए, गौ अभ्यारण के दावे केवल कागजी हैं। रोज दर्जनों गाएं सड़कों पर दुर्घटना का शिकार होकर बेमौत मारी जा रही हैं, किसान खुली चराई से परेशान हैं और राहगीर भी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। विगत 13 दिन के भीतर एक साथ बड़ी संख्या में हाईवे पर गायों के कुचल कर मारे जाने की ये दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले 13 जुलाई को रतनपुर-पेंड्रा मार्ग पर इसी तरह से 14 गायें सड़क पर एक साथ कुचलकर मार दी गई थी, राजधानी के निकट किरना में ऐसे ही 18 गौवंशी पशुओं को ठोकर मारकर मौत के घाट उतारा गया था। विगत दिनों छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने मवेशियों को सड़क से हटाने का दिशा निर्देश दिया था, लेकिन जमीनी स्तर पर यह सरकार कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं कर पाई, इसी की वजह से हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, सरकार के प्रयास केवल कागजी हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि गौठान बंद करने का दुष्परिणाम अब सड़को पर दिख रहा है। भाजपा की सरकार की गौ संरक्षण को लेकर ना कोई नीति है ना ही नियत। नई व्यवस्था तो छोड़िए पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ में स्थापित 10 हजार से अधिक गौठान जिसमें से लगभग 8 हजार गौठान आत्मनिर्भर हो चुके थे, गौठान समिति और महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा संचालित होने वाली उस सुव्यवस्थित योजना के संचालन में भी यह सरकार नाकाम रही। भाजपा की सरकार केवल मोटे कमीशन के लालच में गौ-अभ्यारण की बात कर रही है, असलियत यह है कि भाजपा शासित अन्य राज्यों में गौ-अभ्यारण की योजना पूरी तरह असफल हो चुकी है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की डबल इंजन सरकारों में गौ-अभ्यारण योजना दम तोड़ चुकी है। मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में भाजपा की सरकार चला नहीं पाई और गौ-अभ्यारण को एनजीओ को सौंप दिया है। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के द्वारा स्थापित गौठानो की व्यवस्था को तत्काल बहाल कर गौ सेवा सुनिश्चित किया जाना चाहिए, अन्यथा गौ हत्या के पाप से भारतीय जनता पार्टी की सरकार का पतन सुनिश्चित है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की सोई हुई सरकार को उच्च न्यायालय बिलासपुर ने बार-बार आदेशित कर आगाह किया की सड़कों से मवेशियों को हटाया जाए, लेकिन इस सरकार का चरित्र शुतुरमुर्ग की तरह है। पूरे छत्तीसगढ़ में यही स्थिति है, शाम होते ही सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा हो जाता है, जो ज्यादातर हादसों का कारण बन रहे हैं। सरकार की उपेक्षा और बदनीयती से ही गौ तस्करी तेजी से बढ़ रही है, गौवंशी पशुओं की संख्या पिछले डेढ़ साल में घट के आधी रह गई है, लेकिन गाय के नाम पर राजनीति करने वाले भाजपा नेताओं के कान में जू तक नहीं रेंग रहा है। सरकार और प्रशासनिक मशीनरी यदि तत्परता से ठोस कदम नहीं उठाती है तो कांग्रेस पार्टी गौरक्षा के लिए पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन करेगी।