आज से बदल गए आधार से जुड़े तीन बड़े नियम, जानिए क्या-क्या हुआ नया
नई दिल्ली, 1 नवंबर 2025:
आज देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ देवउठनी एकादशी (जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है) का पर्व मनाया जा रहा है। यह तिथि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है और भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन श्री हरि विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और ब्रह्मांड का संचालन पुनः संभालते हैं। इसी के साथ शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है।
AISSEE 2026 Registration: सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ी, अब 9 नवंबर तक कर सकेंगे रजिस्ट्रेशन
एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त
इस वर्ष एकादशी तिथि 1 नवंबर सुबह 9:11 बजे से 2 नवंबर सुबह 7:31 बजे तक रहेगी।
पूजन का सबसे शुभ समय शाम 7 बजे का रहेगा, जब भगवान विष्णु के जागने का विधान है।
इसके अलावा –
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:42 से दोपहर 12:27 बजे तक
- गोधूली मुहूर्त: शाम 5:36 से 6:02 बजे तक
- प्रदोष काल: शाम 5:36 बजे से प्रारंभ
केंद्र सरकार की योजनाओं में 90% से अधिक सफलता पाने वाली पंचायतों के सरपंच होंगे गणतंत्र दिवस के विशेष अतिथि
व्रत पारण का समय
देवउठनी एकादशी व्रत का पारण 2 नवंबर को दोपहर 1:11 से 3:23 बजे तक किया जा सकता है।
पूजन विधि
- पूजा स्थल के पास गेरू से भगवान विष्णु के चरणों की आकृति बनाएं।
- आकृति के पास फल, सिंघाड़ा, पीली मिठाई, गन्ना और फूल रखें।
- आकृति को छन्नी या डलिया से ढक दें।
- शाम को घी का दीपक जलाकर विष्णु-लक्ष्मी जी की पूजा करें।
- फिर शंख बजाते हुए “उठो देवा, बैठो देवा” भजन से भगवान को जगाएं।
- इसके बाद पंचामृत, गुड़-चना, केले, पंजीरी और पीली मिठाई का भोग लगाएं।
- यदि तुलसी विवाह का आयोजन कर रहे हों, तो तुलसी माता की भी पूजा करें।
- अंत में प्रसाद वितरण और वस्त्र, अन्न, धन या पीली वस्तुओं का दान करें।
सारंगढ़ में विराट हिन्दू सम्मेलन में 140 धर्मांतरित बंधुओं की घर वापसी प्रबल प्रताप सिंह जूदेव बोले — यह धर्म नहीं, आत्मसम्मान और संस्कृति की पुनर्स्थापना है
देवउठनी एकादशी के शुभ उपाय
- सुहाग सामग्री का दान करें — वैवाहिक जीवन में सुख आता है।
- तुलसी पर कच्चा दूध चढ़ाकर घी का दीप जलाएं — लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है।
- जरूरतमंदों को ऊनी वस्त्र दान करें — भाग्य खुलता है।
- मुख्य द्वार पर दीप जलाकर लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें — घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
अब बिना जानकारी दिए बैंक नहीं काट सकेंगे FASTag कनेक्शन, NHAI ने सरल की KYC प्रक्रिया
महत्व
पौराणिक मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के जागने से सृष्टि में नई ऊर्जा का संचार होता है। इसी दिन से विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है।
अस्वीकरण:
यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। पाठकों से निवेदन है कि किसी भी पूजा या व्रत से पहले अपने पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें।

