छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले की होनहार बेटी दिव्या रंगारी ने मलेशिया में आयोजित अंडर-16 एशियन वूमेन्स बास्केटबॉल चैम्पियनशिप 2025 में शानदार प्रदर्शन कर भारत को गोल्ड मेडल दिलाया। यह सफलता भारत के लिए 8 साल बाद इस टूर्नामेंट में वापसी का प्रतीक बन गई।
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इस चैम्पियनशिप में 8 देशों की टीमें शामिल थीं, लेकिन दिव्या और उनकी टीम ने सभी विरोधियों को पछाड़ते हुए शानदार खेल का प्रदर्शन किया। महासमुंद की दिव्या इस टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ की अकेली खिलाड़ी थीं।
भव्य स्वागत और शहर में खुशी का माहौल
गोल्ड मेडल जीतकर लौटने पर दिव्या का महासमुंद में भव्य स्वागत किया गया।
- पूरे शहर में बाजे-गाजे और आतिशबाजी के साथ भारत माता की जय के नारे गूंजे।
- फूल मालाओं और मिठाइयों के साथ दिव्या का सम्मान किया गया।
- विधायक राजू सिन्हा, कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, अपर कलेक्टर रवि साहू, जिला शिक्षा अधिकारी विजय कुमार लहरे और खेल अधिकारी मनोज घृतलहरे सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी दिव्या से मिले और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
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दिव्या का संदेश और सफलता का श्रेय
दिव्या ने मीडिया से बातचीत में अपने खेल के दौरान बिताए लम्हों को याद करते हुए कहा कि कठिनाइयों में पीछे नहीं हटना चाहिए। उनका मानना है कि हर परिस्थितियों में डटे रहने पर सफलता जरूर मिलती है।
दिव्या ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने कोच, माता-पिता और बास्केटबॉल संघ के सदस्यों को दिया। उनके पिता विनोद रंगारी ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि, “जो लोग मुझे नहीं जानते थे, आज उसकी बेटी के नाम से मुझे पहचानने लगे हैं, एक पिता के लिए इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है।”
बास्केटबॉल संघ की प्रतिक्रिया
महासमुंद जिला बास्केटबॉल संघ के अध्यक्ष नूरेन चंद्राकर ने दिव्या की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की और कहा कि आने वाले समय में सभी खिलाड़ियों के लिए बेहतर प्लेटफॉर्म तैयार करने की योजना है।
दिव्या रंगारी की यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का पल है। उनकी मेहनत, लगन और समर्पण ने साबित कर दिया कि संघर्ष और लगातार प्रयास सफलता की कुंजी हैं।

