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छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में मानव–हाथी संघर्ष की एक और दुखद घटना सामने आई है। रमकोला पंडोपारा निवासी सरफुद्दीन (55) की जंगल में हाथियों के हमले से मौत हो गई। वह अपने साथियों के साथ गुम हुई गाय और जड़ी–बूटी की तलाश में जंगल गया था। लौटते समय कोदवारी जंगल के पास अचानक उसका सामना जंगली हाथियों से हो गया, जहां वह उनकी चपेट में आकर मर गया।
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साथियों ने दी थी चेतावनी, फिर भी गया आगे
मृतक सरफुद्दीन अपने साथियों—सद्दाम, लालबाबू पंडो, रतन पंडो और अजमेर अली—के साथ बाइक से जंगल की ओर जा रहा था। इसी दौरान वन विभाग के सुरक्षाकर्मियों ने फोन पर सूचना दी कि जंगल में हाथियों का दल सक्रिय है और आगे जाना खतरे से खाली नहीं है।
साथियों ने भी उसे लौटने की सलाह दी, लेकिन सरफुद्दीन ने कहा कि गाय मिलते ही तुरंत लौट आएंगे।
गाय मिल जाने के बाद सभी लोग लौटने लगे, तभी कोदवारी जंगल के पास अचानक हाथियों का दल सामने आ गया। सभी साथी अपनी बाइक छोड़कर जान बचाने भागे, लेकिन सरफुद्दीन पास की झाड़ियों में छिप गया। साथियों ने लगातार आवाजें दीं—“हाथी तुम्हारी तरफ जा रहा है, बाहर निकलो”, लेकिन वह बाहर नहीं आ पाया और हाथियों ने उसे कुचल दिया।
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शव बरामदगी में भी कठिनाई
घटना की जानकारी मिलते ही गेम रेंजर अजय सोनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और बाकी साथियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। इलाके में हाथियों की मौजूदगी के कारण शव को तुरंत बाहर नहीं निकाला जा सका।
देर शाम कोदवारी के पास सरफुद्दीन का शव मिला, जिसके बाद रमकोला पुलिस और वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से रात लगभग 11:30 बजे शव को जंगल से बाहर निकाला।
जंगल में सालभर रहती है हाथियों की गतिविधि
स्थानीय वन अधिकारियों के अनुसार इस क्षेत्र में वर्षभर हाथियों की मौजूदगी रहती है। अधिकारियों का कहना है कि यदि सरफुद्दीन चेतावनी मानकर जंगल में न जाता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी।

