भारत में जमीन खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन रजिस्ट्री के दौरान की गई एक छोटी सी गलती आपका यह सपना बर्बाद कर सकती है। अक्सर लोग बिना सही कानूनी जानकारी के जल्दबाज़ी में जमीन की रजिस्ट्री करा लेते हैं, जिससे बाद में उन्हें कोर्ट-कचहरी और विवादों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी प्लॉट या जमीन की रजिस्ट्री कराने जा रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद जरूरी है। यहां हम आपको बता रहे हैं जमीन खरीदने से पहले की 6 जरूरी जांचें, जो आपको धोखाधड़ी से बचाएंगी और आपके निवेश को सुरक्षित रखेंगी।
रजिस्ट्री से पहले जानें ये ज़रूरी बातें
ज़मीन के टाइटल और मालिकाना हक की जांच करें
किसी भी जमीन की खरीद-फरोख्त से पहले यह पक्का कर लें कि विक्रेता उस संपत्ति का असली और वैध मालिक है। यदि जमीन किसी और के नाम पर है या साझा संपत्ति है, तो बिना सहमति रजिस्ट्री कराना गैरकानूनी हो सकता है। इसके लिए आप निम्न दस्तावेजों की जांच करें:
- टाइटल डीड (Sale Deed/Title Paper)
- पुराना म्युटेशन रिकॉर्ड और रजिस्ट्री की प्रति
- नगर निगम या तहसील से भूमि का वैध रिकॉर्ड
देखें कहीं जमीन पर कोई केस या लोन तो नहीं?
कई बार जमीन बैंक के कर्ज में होती है या कोर्ट में मामला लंबित होता है। ऐसी स्थिति में आपकी रजिस्ट्री कानूनी रूप से वैध नहीं मानी जाएगी। इनसे साफ हो जाएगा कि जमीन किसी भी कानूनी या वित्तीय विवाद से मुक्त है। इससे बचने के लिए निम्न रिपोर्ट जरूर प्राप्त करें:
- Encumbrance Certificate (ऋण रहित प्रमाणपत्र)
- Non-Encumbrance Report
ज़मीन का सही माप और सीमाएं मिलाएं
सरकारी रिकॉर्ड में जमीन का क्या माप है और साइट पर क्या स्थिति है — यह जांचना बेहद जरूरी है। जरूरत पड़े तो जमीन का फिजिकल निरीक्षण करें और स्थानीय पटवारी या राजस्व अधिकारी से पुष्टि करें। इसके लिए इन दस्तावेजों की मदद लें:
- भूलेख नक्शा (BhuNaksha)
- साइट प्लान
- रजिस्टर-2 या खतौनी नकल
कॉलोनी या प्रोजेक्ट प्लॉट है तो जांचें मंजूरी
अगर आप कोई प्लॉट किसी हाउसिंग प्रोजेक्ट या कॉलोनी में ले रहे हैं, तो यह देखना जरूरी है कि:
- क्या प्रोजेक्ट को नगर निगम, ग्राम पंचायत या विकास प्राधिकरण से मंजूरी मिली है?
- क्या जमीन कृषि से रिहायशी में परिवर्तित (Land Use Change) की गई है?
अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री होने पर भविष्य में घर गिराने या केस झेलने की नौबत आ सकती है।
रजिस्ट्री के दिन डॉक्यूमेंट पूरे और सही हों
रजिस्ट्री ऑफिस में कई लोग अधूरे डॉक्यूमेंट लेकर पहुंचते हैं, जिससे फाइल रिजेक्ट हो जाती है। जरूरी दस्तावेज:
- आधार कार्ड, पैन कार्ड
- सेल डीड की कॉपी
- बिजली बिल (एड्रेस प्रूफ)
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस की रसीद
वकील या रजिस्टर्ड एजेंट की सलाह लें
कई लोग खुद ही रजिस्ट्री कराने की कोशिश करते हैं और कानूनी बारीकियां नहीं समझ पाते। बेहतर है कि किसी अनुभवी प्रॉपर्टी वकील या रजिस्टर्ड रियल एस्टेट एजेंट की मदद लें। वे सभी डॉक्यूमेंट को वैध तरीके से तैयार कराते हैं और आपके पैसे को कानूनी सुरक्षा प्रदान करते हैं।
अगर आप पहली बार प्लॉट या जमीन खरीदने जा रहे हैं तो जल्दबाज़ी में कदम न उठाएं। ऊपर बताए गए 6 ज़रूरी चेकलिस्ट का पालन करें और एक समझदार निवेशक बनें। थोड़ी सी सतर्कता आपको बड़े नुकसान से बचा सकती है। रजिस्ट्री करते समय हर डॉक्यूमेंट की जांच और हर प्रक्रिया की पुष्टि जरूरी है। क्या आपने भी रजिस्ट्री के समय कोई गलती की है या किसी धोखाधड़ी का सामना किया है? नीचे कमेंट करें और यह जानकारी अपने दोस्तों व परिवार के साथ शेयर करें, ताकि कोई और इस गलती को न दोहराए!