छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। प्राथमिक शाला कंजिया के हेड मास्टर पर आरोप है कि उन्होंने दूसरी कक्षा की एक मासूम छात्रा की इतनी बेरहमी से पिटाई की कि उसका पैर टूट गया। परिजनों की शिकायत के बाद आखिरकार पुलिस ने आरोपी हेड मास्टर को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि इस बात पर भी सोचने को मजबूर करती है कि स्कूल जैसे मंदिर में बच्चों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार कैसे हो सकता है?
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छात्रा के साथ मामला कैसे हुआ? क्लासरूम में मासूम पर टूटा गुस्सा
जानकारी के अनुसार, यह घटना 25 जुलाई की है। बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र स्थित प्राथमिक शाला कंजिया में पदस्थ हेड मास्टर हीरालेओस टोप्पो ने दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा को क्लासरूम में बात करने पर बुरी तरह पीट दिया। पिटाई इतनी बेरहमी से की गई कि छात्रा का पैर फ्रैक्चर हो गया। बच्ची का नाम ललित यादव बताया जा रहा है, जो फिलहाल अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रही है।
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परिजनों का दर्द और शिकायत कार्रवाई की मांग
परिजनों का कहना है कि बच्ची को तीन दिनों तक गंभीर दर्द सहना पड़ा और निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जब मामला सामने आया तो अभिभावकों ने आरोपी हेड मास्टर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने किशोर न्याय अधिनियम (JJ Act) सहित गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की। शुरुआत में मामला दबाने की कोशिश भी हुई, लेकिन लगातार बढ़ते विरोध और मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आखिरकार कार्रवाई करनी पड़ी।
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प्रशासन की सख्ती, डीईओ ने भेजा कारण बताओ नोटिस
इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने आरोपी हेड मास्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस के बाद भी आरोपी पर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया। हालांकि अब पुलिस ने आरोपी हेड मास्टर को गिरफ्तार कर लिया है। अभिभावक संगठन और ग्रामीणों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और शिक्षा विभाग से मांग की है कि ऐसे शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त किया जाए। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।