दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल अंतर्गत झारसुगुड़ा यार्ड में 16 अगस्त से 10 सितंबर तक नॉन-इंटरलॉकिंग और आधुनिकीकरण का कार्य प्रस्तावित है। इस 24 दिवसीय ब्लॉक के दौरान रेलवे ने यात्री ट्रेनों के संचालन में व्यापक बदलाव किए हैं, जिससे हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
रेलवे द्वारा जारी सूचना के अनुसार, इस अवधि में 15 एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द, 2 ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित, 2 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द, और 7 ट्रेनों को निर्धारित समय से विलंबित किया गया है। यात्रियों को न केवल आरक्षण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि वैकल्पिक परिवहन की व्यवस्था नहीं होने से असुविधा और असमंजस की स्थिति बन गई है।
प्रमुख रद्द ट्रेनें
रद्द की गई ट्रेनों में लंबी दूरी की कई महत्वपूर्ण सेवाएं शामिल हैं जैसे –
- टाटा–नेताजी सुभाष एक्सप्रेस (18109/18110)
- चर्लापल्ली–दरभंगा एक्सप्रेस (17007/17008)
- हैदराबाद–रक्सौल, नांदेड़–संतरगाछी, मालदा–सूरत, पुणे–संतरगाछी जैसी अन्य ट्रेनें
मार्ग परिवर्तित ट्रेनें
- उत्कल एक्सप्रेस (पुरी–योगनगरी ऋषिकेश) अब कटक, सम्बलपुर और ईब होते हुए संचालित की जाएगी।
आंशिक रूप से रद्द ट्रेनें
- आरा–दुर्ग साउथ बिहार एक्सप्रेस (13288/13287) – इस ट्रेन की सेवा राउरकेला और दुर्ग के बीच रद्द रहेगी।
विलंबित ट्रेनें
कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों को 3 से 6 घंटे तक की देरी से चलाया जाएगा:
- हावड़ा–सीएसएमटी
- पुणे–हावड़ा
- हटिया–एलटीटी
- पटना–बिलासपुर आदि।
रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा की पूर्व योजना बनाते समय अपडेटेड टाइमटेबल और ट्रेन स्थिति की जांच अवश्य करें। हालांकि यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे की ओर से अब तक किसी वैकल्पिक परिवहन या विशेष ट्रेन की घोषणा नहीं की गई है, जिससे लोगों में असंतोष और चिंता का माहौल है।

