कब है महाशिवरात्रि? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

admin
Updated At: 21 Feb 2024 at 04:00 PM
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन शिव जी और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए यह पर्व हर साल शिव भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन शिवजी के भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत रखते हैं और विधि-विधान से शिव-गौरी की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं, इसलिए महाशिवरात्रि के दिन की गई शिव की उपासना से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। ऐसे में आइए जानते हैं साल 2024 में महाशिवरात्रि की सही तिथि, शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि के बारे में...
महाशिवरात्रि 2024 तिथि
पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 8 मार्च को संध्याकाल 09 बजकर 57 मिनट पर होगी। इसका समापन अगले दिन 09 मार्च को संध्याकाल 06 बजकर 17 मिनट पर होगा। शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए उदया तिथि देखना जरूर नहीं होता है। ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च 2024 को रखा जाएगा।
महाशिवरात्रि 2024 पूजा मुहूर्त
8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा का समय शाम के समय 06 बजकर 25 मिनट से 09 बजकर 28 मिनट तक है। इसके अलावा चार प्रहर का मुहूर्त इस प्रकार है-
महाशिवरात्रि 2024 चार प्रहर मुहूर्त
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - रात 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - रात 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - प्रात: 03.34 से प्रात: 06:37
निशिता काल मुहूर्त - रात में 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक (9 मार्च 2024)
व्रत पारण समय - सुबह 06 बजकर 37 मिनट से दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक (9 मार्च 2024)
महाशिवरात्रि की पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदि करके पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव शंकर के आगे व्रत का संकल्प लें।
संकल्प के दौरान उपवास की अवधि पूरा करने के लिए शिव जी का आशीर्वाद लें।
इसके अलावा आप व्रत किस तरह से रखेंगे यानी कि फलाहार या फिर निर्जला ये भी संकल्प लें।
फिर शुभ मुहूर्त में पूजा प्रारंभ करें।
सबसे पहले भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं।
साथ ही केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं और पूरी रात्रि का दीपक जलाएं। इसके अलावा चंदन का तिलक लगाएं।
बेलपत्र, भांग, धतूरा भोलेनाथ का सबसे पसंदीदा चढ़ावा है।
इसलिए तीन बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं।
सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर सबको प्रसाद बांटें।
Follow us on
Advertisement

जरूर पढ़ें

होली 2025: : खुशियों के रंग और पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प

Join Indian Army through NCC Special Entry! : भारतीय सेना में NCC स्पेशल एंट्री से अधिकारी बनने का सुनहरा मौका,आवेदन प्रक्रिया शुरू

आज से होलाष्टक शुरू: : फाल्गुन मास में इसका विशेष महत्व,होलाष्टक के दौरान क्या करें और क्या न करें?

Airtel का सस्ता धमाका : 199 रुपये वाला प्लान, 28 दिन की वैधता और अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ मिलेंगे ये फायदे! जानिए पूरी डिटेल

Jio का नया धमाका : OTT और क्रिकेट प्रेमियों के लिए Jio का खास प्लान, ₹195 में 15GB डेटा और फ्री JioHotstar सब्सक्रिप्शन

"planetary parade. 2025": : आसमान में दिखेगा अद्भुत नज़ारा: सात ग्रह होंगे एक सीध में

सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी : यूनिफाइड पेंशन स्कीम से मिलेगी गारंटीड पेंशन, 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी पेंशन स्कीम

फास्टैग रिचार्ज में बदलाव: : अब जुर्माना भरने से बचने के लिए समयसीमा का पालन करना होगा

TRAI: : स्पैम कॉल और संदेशों पर लगेगा 10 लाख तक जुर्माना, TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों पर कसा शिकंजा

Youtube: : यूट्यूब के दो नए धमाकेदार फीचर लॉन्च, क्रिएटर्स और यूजर्स दोनों को मिलेगा फायदा
Advertisement