बिहार की राजनीति में आज बड़ा दिन होने वाला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार सुबह कैबिनेट की अहम बैठक बुला चुके हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में मंत्रिमंडल भंग करने पर औपचारिक मुहर लग जाएगी। इसके तुरंत बाद नीतीश कुमार राज्यपाल को अपना इस्तीफ़ा सौंपेंगे और इसके साथ ही नई सरकार के गठन की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू हो जाएगी।
हालिया विधानसभा चुनाव में एनडीए ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। 243 सीटों वाली विधानसभा में गठबंधन ने 200 से अधिक सीटें हासिल कर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया। इनमें भाजपा ने सर्वाधिक 89 सीटें जीतीं, जेडीयू 85 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही, जबकि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) ने 19 सीटें जीतीं। इसके अलावा एचएएम और आरएलएम जैसे छोटे सहयोगियों ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की।
नई सरकार के खाके को लेकर भाजपा नेतृत्व से दिल्ली में मंथन करने के बाद जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा रविवार देर शाम पटना लौटे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और संकेत दिया कि नई सरकार गठन की प्रक्रिया ज्यादा लंबी नहीं चलेगी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा—
“बहुत जल्द नई सरकार बन जाएगी। समय आने पर सबकुछ सार्वजनिक किया जाएगा। हम एनडीए के घोषणापत्र में किए गए हर वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इस बीच पूरे घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी नजर है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बिहार में एक दर्जन से अधिक रैलियां की थीं और आखिरी सभा में यह कहते हुए लौटे थे कि “नई एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में फिर आऊंगा।” अब एक बार फिर उनके पटना आने की पुष्टि हो रही है, और वे नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण में शामिल होंगे।
आज के राजनीतिक घटनाक्रम से साफ है कि बिहार में सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया तेज हो चुकी है और कुछ ही घंटों में नई सरकार का रोडमैप सामने आ सकता है।
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