नई दिल्ली, 12 अक्टूबर 2025:
शिक्षा मंत्रालय (MoE) ने एक अहम पहल करते हुए देशभर के स्कूलों से डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने की अपील की है। अब स्कूलों में फीस जमा करने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), मोबाइल वॉलेट और नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल माध्यमों का उपयोग किया जा सकेगा। मंत्रालय का उद्देश्य स्कूलों में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाना है।
मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों के साथ-साथ एनसीईआरटी, सीबीएसई, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) जैसे अपने अधीनस्थ संस्थानों को भी डिजिटल पेमेंट व्यवस्था अपनाने के निर्देश दिए हैं। इससे प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क और अन्य लेनदेन अब सुरक्षित, पारदर्शी और घर बैठे संभव होंगे।
डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम
मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान में UPI और अन्य डिजिटल माध्यमों के उपयोग में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। ऐसे में स्कूलों में डिजिटल पेमेंट की सुविधा से न केवल अभिभावकों को राहत मिलेगी, बल्कि इससे लेन-देन में भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी घटेगी।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह पहल “विकसित भारत 2047” विजन को गति देगी, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को डिजिटल, समावेशी और नागरिक-केंद्रित बनाना है। साथ ही, यह कदम छात्रों और अभिभावकों में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने का भी कार्य करेगा।
सरकार की पहले से चल रही पहल को मिलेगा बल
गौरतलब है कि केंद्र सरकार पहले ही जीवन और शिक्षा क्षेत्र में कई डिजिटल सुधार लागू कर चुकी है। अब स्कूलों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना देश के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में एक और मजबूत कड़ी साबित हो सकता है।

