छत्तीसगढ़ की सड़कों पर आज दोपहर भारी हलचल देखने को मिल सकती है। ईडी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस आज प्रदेशभर में 33 जिलों में दोपहर 12 से 2 बजे तक चक्काजाम करने जा रही है। यह विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से VIP रोड, हाईवे और शहरों के व्यस्त चौराहों पर होगा, जिससे आम जनता को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार की “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बताया है, वहीं जनता परेशान है कि सियासी लड़ाई की कीमत उन्हें क्यों चुकानी पड़ रही है।
क्यों हो रहा है छत्तीसगढ़ में चक्काजाम?
18 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को भिलाई से गिरफ्तार किया। ईडी का आरोप है कि छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले से चैतन्य को ₹16.70 करोड़ रुपए की अवैध राशि मिली, जिसे उन्होंने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया। इस घोटाले की जांच पिछले कुछ वर्षों से जारी है, और अब कोर्ट ने चैतन्य को 22 जुलाई तक पांच दिन की ईडी रिमांड में भेज दिया है। इस गिरफ्तारी को कांग्रेस ने “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” करार दिया और इसका विरोध सड़कों पर उतरकर किया जा रहा है।
कहां-कहां होगा चक्काजाम? जानिए प्रमुख स्थान
कांग्रेस ने इस विरोध को प्रभावी बनाने के लिए पूरे प्रदेश में सटीक रणनीति बनाई है। रायपुर, बिलासपुर, बस्तर, सरगुजा, रायगढ़, दुर्ग और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिलों में हाईवे, फ्लाईओवर और प्रमुख चौकों को निशाना बनाया गया है।
- रायपुर में VIP रोड, मैग्नेटो मॉल, धरसींवा, तिल्दा, आरंग और अभनपुर में प्रदर्शन होगा।
- बिलासपुर में सकरी-पेंड्रीडीह फ्लाईओवर के नीचे चक्काजाम किया जाएगा।
- जगदलपुर के आमागुड़ा चौक पर रायपुर-जगदलपुर मार्ग को रोकने की तैयारी है।
- सरगुजा जिले में बनारस रोड BTI के पास चक्काजाम होगा, जो उत्तर भारत को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है।
- रायगढ़ में कोतरा रोड ओवरब्रिज पर मालवाहक ट्रकों को रोका जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, डॉ. चरणदास महंत, भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव जैसे वरिष्ठ नेता आंदोलन में शामिल रहेंगे। कांग्रेस ने 12 जिलों में अलग-अलग नेताओं को प्रभारी बनाकर आंदोलन को नेतृत्व देने की जिम्मेदारी दी है।
आंदोलन का असर: जनता के लिए क्या हैं परेशानियां?
इस आंदोलन का सीधा असर आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ेगा। खासतौर पर उन यात्रियों को ज्यादा परेशानी होगी जो रायपुर से बिलासपुर, जगदलपुर या रायगढ़ की ओर यात्रा कर रहे हैं। नेशनल हाईवे पर जाम की आशंका है। हालांकि कांग्रेस ने स्कूली बसों और एम्बुलेंस को चक्काजाम से मुक्त रखा है, फिर भी ट्रैफिक की गति धीमी होने की संभावना है। कांग्रेस इस चक्काजाम के जरिए सरकार को यह संदेश देना चाहती है कि वो ईडी जैसी एजेंसियों के राजनीतिक दुरुपयोग को स्वीकार नहीं करेगी। मगर सवाल यह भी है कि जनता की परेशानियों की जिम्मेदारी कौन लेगा?
वकील का दावा – सिर्फ “बेटा होना” ही गुनाह बना
चैतन्य बघेल के वकील फैज़ल रिज़वी का कहना है कि ED ने कानून का पालन किए बिना गिरफ्तारी की है। उनके मुताबिक न तो चैतन्य को कोई समन दिया गया और न ही उनसे पूछताछ की गई, जबकि मार्च में उनके घर छापा मारा गया था और वे जांच में पूरा सहयोग कर चुके थे। रिज़वी का आरोप है कि यह कार्रवाई पप्पू बंसल के बयान के आधार पर हुई, जो खुद इस घोटाले का आरोपी है और उस पर नॉन बेलेबल वारंट जारी है। उनका कहना है कि चैतन्य का “अपराध” सिर्फ इतना है कि वह भूपेश बघेल का बेटा है और इसी वजह से उसे निशाना बनाया गया है।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा का शराब घोटाला हुआ। जांच में सामने आया कि IAS अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के MD एपी त्रिपाठी और व्यापारी अनवर ढेबर जैसे बड़े नामों ने मिलकर एक सिंडिकेट बनाया था, जो शराब की अवैध बिक्री, फर्जी बिलिंग और काली कमाई को सफेद करने का काम करता था। कांग्रेस इस घोटाले को नकारती नहीं है, लेकिन वह कहती है कि चैतन्य बघेल का इससे कोई लेना-देना नहीं है और यह पूरी कार्रवाई सिर्फ राजनीतिक दबाव में हो रही है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का यह चक्काजाम न सिर्फ एक राजनीतिक संदेश है, बल्कि आने वाले समय में राज्य की राजनीति को गरमा सकता है। ED की कार्रवाई के विरोध में सड़कों पर उतरी कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार पर केंद्र द्वारा एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। लेकिन आम जनता के लिए यह सवाल बना हुआ है कि राजनीतिक लड़ाई की कीमत उन्हें क्यों चुकानी पड़ रही है? क्या आप इस फैसले से सहमत हैं? कमेंट करें और शेयर करें। ऐसी और खबरों के लिए CGNow.in को फॉलो करें।