स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हॉस्पिटल की RHO विक्टोरिया केरकेट्टा को निलंबित कर दिया है। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सूरजपुर जिले के भटगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया है, जहां एक गर्भवती महिला का प्रसव फर्श पर कराया गया। हैरानी की बात यह कि अस्पताल में चार घंटे तक न तो डॉक्टर मौजूद थे, न ही नर्स। मजबूरी में महिला की सास ने न सिर्फ फर्श पर प्रसव कराया बल्कि खून तक खुद साफ किया।
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क्या है पूरा मामला
9 अगस्त को भटगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुंती पंडो नाम की गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर लाया गया। परिजन उम्मीद कर रहे थे कि अस्पताल में तुरंत इलाज मिलेगा, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। लगभग चार घंटे तक अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर आया, न ही स्टाफ नर्स। हालत बिगड़ने पर महिला का प्रसव फर्श पर ही कराया गया। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि प्रसव के बाद महिला की सास इंजोरिया पंडो ने अपने हाथों से फर्श पर फैला खून साफ किया। यह दृश्य देखने वालों का दिल दहल गया और आसपास के लोगों में गुस्सा फैल गया।
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जांच में खुली लापरवाही की पोल
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया। जांच में यह साफ हो गया कि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने अपनी ड्यूटी से मुंह मोड़ लिया था, जो कि स्वास्थ्य सेवा के मानकों का घोर उल्लंघन है। सीएचएमओ की रिपोर्ट में RHO महिला विक्टोरिया केरकेट्टा को दोषी पाया गया, जिसके बाद उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया गया। वहीं, मेडिकल ऑफिसर और स्टाफ नर्स पर कार्रवाई की अनुशंसा राज्य शासन को भेज दी गई है। ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए हमें Facebook और Instagram पर फॉलो करें।