अयोध्या एक बार फिर ऐतिहासिक क्षणों की गवाह बनने जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत 23 नवंबर से तीन दिवसीय प्रवास पर अयोध्या पहुंच रहे हैं। उनके इस दौरे में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 25 नवंबर को अयोध्या पहुंचकर राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे, जिसमें संघ प्रमुख भी मौजूद रहेंगे।
23 से 25 नवंबर तक रहेगा विशेष कार्यक्रमों का सिलसिला
भागवत 23 नवंबर की शाम अयोध्या पहुंचकर संघ कार्यालय साकेत निलयम में प्रवास करेंगे। 24 नवंबर को वे गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड में गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस आयोजन में संत-समाज, सिख समुदाय और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। गुरु तेग बहादुर के त्याग और मानवता की रक्षा के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान पर संघ प्रमुख अपने विचार व्यक्त करेंगे।
दौरे की तैयारियों को लेकर शुक्रवार देर शाम संघ कार्यालय में विशेष बैठक कर स्वागत और व्यवस्थाओं की रूपरेखा तय की गई।
आरएसएस के शताब्दी वर्ष की तैयारियों की समीक्षा
मोहन भागवत के इस प्रवास का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य आरएसएस के शताब्दी वर्ष (2025) की तैयारियों की समीक्षा भी है। अयोध्या और पूर्वांचल में शताब्दी वर्ष को लेकर कई बड़े कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। संघ प्रमुख प्रांत प्रचारकों और पदाधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक कर आगामी प्रशिक्षण कार्यक्रमों, समाज-संपर्क अभियानों, सांस्कृतिक आयोजनों और सेवा कार्यों की योजना पर चर्चा करेंगे। अयोध्या को शताब्दी समारोहों का प्रमुख केंद्र माना जा रहा है।
राम मंदिर में ध्वजारोहण का ऐतिहासिक क्षण – अयोध्या सजेगी उत्सवधाम
25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे। उनके स्वागत और समारोह को भव्य बनाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। शहर की हर छत पर भगवा ध्वज फहराया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि परिसर को रंगीन पुष्पमालाओं, विशेष लाइटिंग और पारंपरिक अलंकरण से सजाया जा रहा है।
रामलला के सिंहासन मंडप, मुख्य पथ, स्वागत द्वार और मंदिर परिसर को अद्भुत रोशनी से सजाया जाएगा। हनुमानगढ़ी, कनकभवन, रंग महल और रामकोट के प्रमुख मंदिर भी रोशनी से जगमगाएंगे।
विशेष सुरक्षा और शहर की व्यापक सजावट
पीएम मोदी के आगमन को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। मुख्य मार्गों की सफाई, रंगाई, ट्रैफिक प्लान और भीड़ प्रबंधन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। नगर निगम, ट्रस्ट और प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अयोध्या का हर कोना स्वच्छ और सुसज्जित दिखे।
सरयू तट पर 5100 बत्ती की महाआरती
ध्वजारोहण के दिन सरयू तट पर विशेष धार्मिक आयोजन होंगे। सहस्त्रधारा घाट पर नया आरती घाट लगभग तैयार है। संगमरमर की नौ वेदियों पर 5100 बत्तियों से मां सरयू की महाआरती की जाएगी।
आंजेनय सेवा संस्थान के अध्यक्ष महंत शशिकांत दास ने बताया कि अभिषेक-पूजन के साथ भव्य आरती आयोजित होगी। संत तुलसीदास घाट पर भी विशेष आरती की तैयारी है।
अयोध्या इन तीन दिनों के दौरान आध्यात्मिकता, सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय एकता का अद्भुत संगम प्रस्तुत करने के लिए तैयार है।

