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एविएशन प्रशिक्षण: : जशपुर के आसमान में गूंज रही एयर एनसीसी की परवाज़, युवाओं को मिल रहा उड़ान का सुनहरा मौका

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जशपुरनगर |जशपुर का खुला आसमान इन दिनों युवाओं के उड़ान भरने के सपने को साकार कर रहा है। 3 सीजी एयर स्क्वाड्रन रायपुर के बैनर तले आगडीह हवाई पट्टी पर एयर एनसीसी (नेशनल कैडेट कॉर्प्स) का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है, जिसमें एनसीसी सीनियर डिवीजन के युवा कैडेट्स (लड़के और लड़कियां) शामिल हो रहे हैं। दो-सीटर माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट के जरिए इन्हें उड़ान भरने, लैंडिंग करने और विमान संचालन की बुनियादी जानकारी दी जा रही है।विंग कमांडर वी.के. साहू ने की कैडेट्स से चर्चारविवार को विंग कमांडर वी.के. साहू (2007 बैच) ने प्रशिक्षण स्थल पर पहुंचकर कैडेट्स से मुलाकात की और उन्हें एविएशन तथा एयरफोर्स में करियर बनाने के मार्गदर्शन दिए। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण उन युवाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो एयरफोर्स या एविएशन सेक्टर में अपना करियर बनाना चाहते हैं।विंग कमांडर साहू ने कहा:"मैं खुद बसना (लाखौली) का रहने वाला हूं और मैंने भी अपने करियर की शुरुआत एनसीसी कैडेट के रूप में की थी। यह प्रशिक्षण युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा।"70 कैडेट्स को मिलेगा प्रशिक्षणवर्तमान में इस प्रशिक्षण में 35 कैडेट्स भाग ले रहे हैं, और माह के अंत तक 70 कैडेट्स को इस एयरक्राफ्ट संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। एयरफोर्स और एविएशन क्षेत्र में करियर बनाने वालों के लिए यह प्रशिक्षण बेहद उपयोगी सिद्ध होगा।दो-सीटर माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट से सीख रहे उड़ान भरने की कलाआगडीह हवाई पट्टी पर इस प्रशिक्षण के लिए विशेष रूप से दो-सीटर माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट लाया गया है।एक बार फ्यूल भरने के बाद इसे लगभग 3 घंटे तक उड़ाया जा सकता है।100 घंटे की उड़ान के बाद इसकी सर्विसिंग अनिवार्य होती है।अधिकतम 20,000 फीट तक उड़ने में सक्षम, लेकिन प्रशिक्षण के दौरान इसे 1,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ाया जा रहा है।उड़ान से पहले विशेष टेक्निशियनों की टीम विमान की जांच करती है और सुरक्षा मानकों का पूरा पालन किया जाता है।कैडेट्स के लिए रोमांचक अनुभवरविवार को पांच प्रशिक्षु कैडेट्स ने पहली उड़ान भरी। सुबह 7 बजे वायुसेना के अधिकारियों ने हवाई पट्टी का निरीक्षण करने के बाद प्रशिक्षण शुरू किया।रायपुर साइंस कॉलेज के एनसीसी कैडेट रवि किशन साहू ने कहा:"कॉकपिट में बैठकर खुद विमान का हैंडल पकड़कर उड़ान भरना जीवन का सबसे रोमांचक अनुभव था।"कैडेट भगत राव ने बताया:"सामान्य यात्री विमान में सफर करना और खुद विमान को नियंत्रित करना, दोनों में जमीन-आसमान का फर्क है। यह क्षण अविस्मरणीय रहेगा।"कैडेट दिनेश परगनिया और जी. नीतिन राव ने कहा:"बचपन से सेना में जाने का सपना था, और एनसीसी से जुड़ने के बाद हमें सही दिशा और मार्गदर्शन मिला।"जशपुर में पहली बार एविएशन प्रशिक्षण, युवाओं के लिए सुनहरा अवसरइस पूरे अभियान को सफल बनाने में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, वित्त मंत्री, शिक्षा सचिव और जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास का विशेष योगदान रहा है।विंग कमांडर साहू ने सरकार और प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा:"मुख्यमंत्री और प्रशासन के प्रयासों से यह प्रशिक्षण सफल हो रहा है। यहां तक कि मेडिकल स्टाफ की भी विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे आपातकालीन स्थिति में त्वरित सहायता मिल सके।"छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए खुल रहे नए अवसरयह पहला अवसर है जब रायपुर से बाहर जशपुर में ऐसा प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। इससे न केवल जिले के युवा प्रेरित होंगे, बल्कि पूरे प्रदेश में एविएशन और एयरफोर्स के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ेगी।क्या यह प्रशिक्षण भविष्य के पायलट तैयार करेगा?यह पहल न केवल एक रोमांचक अनुभव है बल्कि एयरफोर्स, एविएशन इंडस्ट्री और पायलट ट्रेनिंग स्कूल में प्रवेश पाने वाले युवाओं के लिए भी एक शानदार अवसर है।छत्तीसगढ़ में एविएशन सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए यह प्रशिक्षण एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पहल से कितने युवा अपने सपनों को पंख लगा पाते हैं और आसमान की बुलंदियों को छूते हैं!

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