Ramnavmi Fervor Grips North & East, ‘Jai Shri Ram’ Echoes Wideअयोध्या से लेकर रायपुर, रांची, पटना, भोपाल और भुवनेश्वर तक आज रामनवमी की भक्ति में पूरा उत्तर और पूर्व भारत डूबा रहा। प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के इस पावन दिन पर शहरों की सड़कों से लेकर गांवों की गलियों तक एक ही स्वर गूंजता रहा — "जय श्रीराम"। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी, और जैसे ही दोपहर 12 बजे का शुभ समय आया, हर दिशा में शंखध्वनि, घंटे और आरती की आवाजों ने वातावरण को दिव्य बना दिया।अयोध्या में पहली बार नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में रामनवमी मनाई गई। यह आयोजन ऐतिहासिक रहा , मंदिर प्रांगण लाखों श्रद्धालुओं से भरा रहा, और दर्शन के लिए कतारें सुबह से ही लगनी शुरू हो गई थीं। सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने विशेष इंतज़ाम किए थे। ड्रोन से निगरानी, सीसीटीवी कैमरे, कंट्रोल रूम और विशेष पास प्रणाली के जरिए हर गतिविधि पर नजर रखी गई।बिहार के पटना, गया और मुजफ्फरपुर समेत तमाम शहरों में मंदिरों को फूलों और विद्युत झालरों से सजाया गया। शोभायात्राएं निकाली गईं, जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक रामभक्ति में लीन नजर आए। प्रशासन की ओर से मेडिकल कैम्प, मोबाइल पुलिस टीम, पेयजल स्टॉल और महिला सुरक्षा दल की तैनाती की गई।झारखंड के रांची, देवघर और धनबाद में राममंदिरों में विशेष श्रृंगार और पूजन हुआ। जगह-जगह शस्त्र पूजन, रामधुन यात्रा और झांकियों का आयोजन किया गया। जिला प्रशासन ने ड्रोन कैमरे, फिक्स पुलिस पिकेट, और रास्तों पर बैरिकेडिंग के जरिए भीड़ को व्यवस्थित किया।छत्तीसगढ़ में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और अंबिकापुर में मंदिरों में अलसुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी थी। रायपुर के राम मंदिर में विशेष श्रृंगार के साथ भजन-संध्या और भंडारे का आयोजन हुआ। VIP चौक और मंदिरों के आसपास प्रशासन ने पुलिस बल की तैनाती की थी। स्वास्थ्य शिविर, ट्रैफिक नियंत्रण, और पेयजल व्यवस्था को विशेष प्राथमिकता दी गई। मध्यप्रदेश में उज्जैन, भोपाल और इंदौर के प्रमुख मंदिरों में रामनवमी के विशेष आयोजन हुए। सुंदरकांड, हवन, कन्या पूजन और विशाल भंडारों की श्रृंखला चली। प्रशासन ने जनसहयोग समितियों, हेल्प डेस्क, और ट्रैफिक वॉलंटियर की मदद से सभी व्यवस्था को सुचारु रखा।ओडिशा में भुवनेश्वर, पुरी और कटक में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिरों में उमड़ी। रामकथा, भजन मंडलियां, और रामधुन यात्राओं ने जनमानस को भावविभोर किया। मंदिर परिसरों में फायर सेफ्टी टीम, मेडिकल यूनिट, और सुरक्षा वॉलंटियर मुस्तैद रहे।रामनवमी के इस पर्व ने आज एक बार फिर यह सिद्ध किया कि श्रद्धा जब संगठन से मिले, तो उत्सव एक नई चेतना बन जाता है। प्रशासन की सक्रियता और भक्तों की श्रद्धा ने मिलकर आज के दिन को न केवल सफल, बल्कि अविस्मरणीय बना दिया।राम का जन्म केवल त्रेता का स्मरण नहीं, यह हर युग में धर्म, मर्यादा और सेवा के पुनर्जागरण का पर्व है और आज भारत ने उसे भक्ति के समंदर में एक साथ जी लिया।