समीर इरफ़ान की कलम से विशेष"कानून के रक्षक के लिए कोई मंज़िल आखिरी नहीं होती, हर नई तैनाती एक नई चुनौती और हर चुनौती एक नया इतिहास लिखने का मौका देती है!"जशपुर की धरती ने एक ऐसा जांबाज अफसर देखा, जिसने पुलिसिंग को सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि मिशन बना लिया। "थानेदार सिंघम" रविशंकर तिवारी ने यहां अपने तीन साल के कार्यकाल में अपराधियों को कानून का असली मतलब सिखाया, अपराध को जड़ से मिटाने की ठानी और जनता को पुलिस पर भरोसा करना सिखाया। अब उनका तबादला बिलासपुर हो चुका है, जहां एक बार फिर वही जोश, वही जुनून और वही धाकड़ अंदाज देखने को मिलेगा!जशपुर में ‘सिंघम’ की पुलिसिंग— अपराधी घबराए!रविशंकर तिवारी ने अपने कार्यकाल में हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, बलात्कार और मानव तस्करी जैसे संगीन अपराधों पर कड़ा प्रहार किया। उनके रहते अपराधी थाने की चौखट पार करने से पहले ही हथियार डाल देते थे। उन्होंने जशपुर की सड़कों पर कानून का खौफ और जनता का विश्वास कायम किया।कानून का खौफ, जनता का विश्वास—यही थी तिवारी की पहचान!रविशंकर तिवारी ने अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस रणनीति बनाई। उन्होंने समाज को अपराध से दूर रहने की प्रेरणा दी और अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने का संकल्प पूरा किया। इनकी कार्यशैली ने पुलिसिंग को और भी अधिक प्रोफेशनल और अत्याधुनिक बना दिया।कोतवाली का कायाकल्प—सिर्फ अपराध पर नहीं, सिस्टम पर भी की मेहनत!रविशंकर तिवारी सिर्फ अपराधियों से निपटने में ही माहिर नहीं थे, उन्होंने अपने कोतवाली परिसर को भी आदर्श थाना बना दिया। उन्होंने कोतवाली परिसर को पूरी तरह स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाया।दस्तावेजों को आधुनिक तकनीकों के माध्यम से व्यवस्थित और संरक्षित किया।पुलिस टीम को आधुनिक पुलिसिंग की ट्रेनिंग देकर दक्ष बनाया।उन्होंने जनता और पुलिस के बीच बेहतर संवाद स्थापित कर विश्वास बढ़ाया। बस्तर से रायपुर तक, तिवारी का जलवा हर मोर्चे पर कायम!जशपुर से पहले बस्तर में तैनात रहते हुए, उन्होंने कई नक्सली ऑपरेशनों को अंजाम दिया, नक्सलियों के गढ़ में घुसकर उनका सफाया किया और कई हमलों को विफल किया। बस्तर के बाद राजधानी रायपुर में अपराध पर लगाम कसते हुए, अपनी अलग पहचान बनाई। फिर जब जशपुर आए, तो यहां के अपराधियों को भी कानून की असली ताकत का एहसास करवा दिया।अब बिलासपुर में बजेगा "सिंघम" का डंका!जशपुर की जनता को यह जरूर खलेगा कि उनका चहेता अफसर अब यहां नहीं रहेगा, लेकिन बिलासपुर के अपराधियों के लिए यह सबसे डरावनी खबर है! अब बिलासपुर में भी कानून का राज होगा, अपराधियों के लिए रास्ते बंद होंगे और जनता को बेखौफ माहौल मिलेगा।"रविशंकर तिवारी—एक नाम, जो कानून के लिए जीता है, और अपराधियों के लिए कहर बनकर टूटता है!"आपकी सेवा को सलाम, जशपुर आपको याद रखेगा, और अब बिलासपुर आपकी अगली कर्मभूमि होगी!