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Sunday, Feb 23, 2025
थाने में ही चोरी : मालखाने से 41.30 लाख का कैश और जेवर गायब, तत्कालीन इंचार्ज पर FIR दर्ज
जुए-सट्टे से बरामद कैश और पॉक्सो केस की रिपोर्ट्स गायब, जांच जारीउत्तर प्रदेश के गोविंदनगर थाने से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 41.30 लाख रुपये की नकदी और जेवरात गायब हो गए हैं। इसमें 38.78 लाख रुपये कैश और 2.52 लाख रुपये के जेवरात व मोबाइल शामिल हैं। यही नहीं, गंभीर आपराधिक मामलों से जुड़ी महत्वपूर्ण रिपोर्ट्स भी मालखाने से गायब पाई गई हैं।इस घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब दो साल बाद मालखाने की सूची तैयार की गई। जांच में पता चला कि तत्कालीन मालखाना इंचार्ज, वर्तमान में लखनऊ में तैनात दरोगा दिनेश चंद्र तिवारी, पर गड़बड़ी के आरोप हैं। गोविंदनगर इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह ने उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई है।कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?तत्कालीन मालखाना इंचार्ज दिनेश चंद्र तिवारी 22 अगस्त 2020 से 17 अगस्त 2022 तक गोविंदनगर थाने में तैनात थे। प्रमोशन मिलने के बाद वह लखनऊ के चौक कोतवाली में चले गए, लेकिन मालखाने की चाबियां और जिम्मेदारी सही तरीके से नए इंचार्ज को नहीं सौंपी। कई बार बुलाने और पत्र भेजने के बाद, सख्त चेतावनी के बाद दिनेश ने अगस्त 2024 में चार्ज देने की प्रक्रिया शुरू की। लेकिन जब पुराने रिकॉर्ड और मालखाने का मिलान किया गया, तो पता चला कि नकद रुपये, जेवरात और कई मोबाइल गायब हैं।जुआ-सट्टा से बरामद रकम हुई गायबसबसे ज्यादा जुआ और सट्टेबाजी से बरामद नकदी और सामान गायब हुआ। 2 अप्रैल 2022 को क्राइम ब्रांच ने गोविंदनगर में छापा मारकर 45 लाख रुपये, 27 मोबाइल और टैबलेट जब्त किए थे। इसमें से 19 लाख रुपये गायब मिले। एक अन्य मामले में सट्टेबाजों से बरामद 13 लाख रुपये और मोबाइल गायब पाए गए।महत्वपूर्ण रिपोर्ट्स और फाइलें भी हुईं गायबहत्या, रेप और पॉक्सो एक्ट से जुड़े कई केस की रिपोर्ट्स मालखाने से लापता मिलीं। पोस्टमार्टम पोटली भी गायब है, जिससे केस के सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका जताई जा रही है। आशंका है कि आरोपी इंचार्ज ने पैसों के बदले केस से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइलें भी गायब कर दी हैं। इस मामले में तत्कालीन मुहर्रिर पर विश्वासघात किए जाने की धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच चल रही है, रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।
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