रायपुर। युक्तियुक्तकरण की व्यापक विसंगतियों के विरोध में छत्तीसगढ़ के तेईस शिक्षक संगठनों ने “सर्व शैक्षिक साझा मंच” के बैनर तले तगड़ा आंदोलन छेड़ने का एलान कर दिया है। मंच की प्रांतीय कार्यकारिणी ने निर्देश जारी किया है कि तेरह जून को बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर संभाग मुख्यालयों पर एक साथ विशाल धरना रैली निकाली जाएगी। रैली के बाद संभागायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा सचिव तथा संचालक लोक शिक्षण को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
मंच के संयोजक मंडल का कहना है कि युक्तियुक्तकरण दो हजार पच्चीस की नीति ने ग्रामीण स्कूलों को बंद करने और शिक्षकों को मनमाने ढंग से इधर-उधर भेजने का रास्ता खोल दिया है। “पोल-खोल” थीम पर होने वाला यह धरना उसी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएगा।
चार सूत्रीय माँगें
१. दोषपूर्ण युक्तियुक्तकरण नीति को तत्काल स्थगित किया जाए। पुनरीक्षण के बाद सेट-अप दो हजार आठ के अनुसार ही समायोजन हो और किसी भी विद्यालय को बंद न किया जाए।
२. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देश के अनुरूप समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग को पूर्व सेवा अवधि जोड़कर कर्मोन्नत वेतनमान दिया जाए।
३. पदोन्नति की शर्तों में बीएड की बाध्यता शिथिल कर बीएड और डीएड दोनों को प्रशिक्षित माना जाए ताकि शिक्षक से व्याख्याता और व्याख्याता से प्राचार्य पद पर शीघ्र पदोन्नति हो सके।
४. शिक्षक एलबी संवर्ग को नियुक्ति तिथि से सेवा-काल की गणना करते हुए पुरानी पेंशन समेत सभी लाभ प्रदान किए जाएं।
विस्तृत अभियान की तैयारी
साझा मंच ने प्रदेश भर के प्रांतीय, संभागीय, जिला और ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए हैं। प्रत्येक विकासखंड में पोस्टर और बैनर लगाए जाएंगे, प्रेस विज्ञप्तियाँ जारी होंगी और सोशल मीडिया के ज़रिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। ब्लॉक और संकुल अध्यक्षों को विशेष तौर पर अपने-अपने स्कूलों के व्याख्याताओं, प्रधानपाठकों, शिक्षकों और सहायक शिक्षकों को अधिकतम संख्या में रैली में लाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
संभागाध्यक्षों को बारह जून तक स्थानीय प्रशासन से धरना अनुमति की पूर्व सूचना देकर वैधानिक औपचारिकताएँ पूरी करनी होंगी। साझा मंच ने सभी संबद्ध संगठनों से सामंजस्य बनाए रखने और आंदोलन को सफल बनाने की अपील की है।
शिक्षकों की चेतावनी
मंच के नेताओं ने साफ कहा है कि यदि सरकार ने माँगें नहीं मानीं तो चातुर्मास के शांत लंबे दौर के बावजूद आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। “स्कूल बंद नहीं होने देंगे, मेहनत की तनख्वाह छिनने नहीं देंगे” जैसे नारे के साथ साझा मंच ने तेरह जून को शिक्षकों की अभूतपूर्व एकजुटता दिखाने का आह्वान किया है।