रायपुर
राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों और उनसे जुड़े अस्पतालों में मरीजों की निजता की रक्षा के लिए बड़ा निर्णय लिया है विभाग ने एक आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि किसी भी मरीज की फोटो या वीडियो तभी ली जा सकेगी जब मरीज स्वयं या उसका वैधानिक अभिभावक लिखित सहमति देगा
यह आदेश 13 जून को विभागीय सचिव द्वारा जारी किया गया जिसे मंगलवार को सार्वजनिक किया गया है आदेश के अनुसार अब अस्पतालों में मीडिया प्रबंधन के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा और इसे हाल ही में राजधानी रायपुर स्थित मेकाहारा अस्पताल में हुए बाउंसर विवाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है
आदेश के मुताबिक अस्पताल परिसर के भीतर विशेष रूप से वार्डों और संवेदनशील क्षेत्रों में मीडिया के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक रहेगी किसी भी दुर्घटना या आपात स्थिति में मरीज की पहचान नाम या चिकित्सा जानकारी को बिना वैधानिक आवश्यकता के उजागर नहीं किया जा सकेगा
मीडिया कवरेज के लिए जनसंपर्क अधिकारी से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा मीडिया को केवल तय समय और स्थान पर रिपोर्टिंग करने की अनुमति दी जाएगी ताकि अस्पताल के सामान्य कामकाज में बाधा न आए
इसके साथ ही यदि किसी मेडिकल कॉलेज या उससे जुड़े अस्पताल से संबंधित कोई समाचार प्रकाशित या प्रसारित होता है तो संबंधित संस्था को उसी दिन चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त कार्यालय को वस्तुस्थिति की जानकारी देना अनिवार्य होगा और पांच दिनों के भीतर इस आदेश के पालन का प्रतिवेदन भी भेजना अनिवार्य होगा
राज्य शासन का यह आदेश मरीजों की गोपनीयता और अस्पतालों की मर्यादा को सुरक्षित रखने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है