नई दिल्ली। भारत को आज नया उपराष्ट्रपति मिलने जा रहा है। उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं और मंगलवार को मतदान व मतगणना दोनों संपन्न होंगी। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है।
संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान
संविधान के अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें केवल लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं। कुल 782 सांसद (543 लोकसभा और 245 राज्यसभा में से मनोनीत सदस्यों को छोड़कर) मतदान के पात्र हैं।
मतदान संसद भवन के ‘वसुधा’ स्थित कमरा संख्या एफ-101 में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक बैलेट पेपर के माध्यम से होगा। मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शाम 6 बजे मतगणना शुरू होगी और उसी शाम को परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
कैसे होता है मतदान?
पूर्व लोकसभा महासचिव पीडीटी आचार्य ने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया आम चुनावों जैसी होती है, अंतर केवल यह है कि यहां ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर का उपयोग किया जाता है।
सांसदों को सबसे पहले रिटर्निंग ऑफिसर (RO) के पास जाकर मतपत्र प्राप्त करना होगा, जिस पर उम्मीदवारों के नाम वर्णानुक्रम में दर्ज होते हैं। इसके बाद वे मतदान कक्ष में बने छह केबिनों में जाकर अपना मत गुप्त रूप से देंगे और फिर मतपत्र को मतपेटी में डाल देंगे, जो कमरे के बीचों-बीच रखी जाएगी।
पर्यवेक्षक रखेंगे कड़ी नजर
मतदान कक्ष में रिटर्निंग ऑफिसर के अलावा, प्रत्येक उम्मीदवार का एक प्रतिनिधि भी मौजूद रह सकता है जो मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता पर नजर रखेगा। साथ ही, निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक भी मौजूद रहेंगे, जो पूरे मतदान की वीडियोग्राफी कराएंगे और किसी भी अनियमितता की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
क्या उम्मीदवार वोट डाल सकते हैं?
पूर्व महासचिव आचार्य के अनुसार, उम्मीदवार तभी मतदान कर सकते हैं जब वे स्वयं सांसद हों। यदि वे सांसद नहीं हैं, तो उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं होता।
संख्या बल का गणित
एनडीए के पास लोकसभा में 293 सदस्य हैं, जबकि विपक्ष के पास 234 सदस्य हैं। वहीं, राज्यसभा में एनडीए के 132 और विपक्ष के 77 सदस्य हैं। ऐसे में संख्या बल के आधार पर एनडीए के उम्मीदवार की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, लेकिन गोपनीय मतदान होने के कारण अंतिम परिणाम पर सभी की नजरें टिकी हैं।
चुनाव क्यों हो रहा है?
उपराष्ट्रपति पद पर चुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अगस्त 2022 में कार्यभार ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल 2027 तक था। धनखड़ का इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया था, जिससे यह पद रिक्त हो गया।अपेक्षा की जा रही है कि आज देर शाम तक देश को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा, जो संवैधानिक रूप से भारत के दूसरे सर्वोच्च पद पर आसीन होंगे।