स्टार्टअप और परिवहन कंपनियों ने किया फैसले का स्वागत, रोजगार और सुविधा दोनों को मिलेगा बढ़ावा
नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने देश में बाइक टैक्सी सेवाओं को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी है और इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं। इस निर्णय के बाद अब देशभर में बाइक टैक्सी सेवाओं को कानूनी मान्यता मिल गई है, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार के नए अवसर और यात्रियों को सस्ती व सुविधाजनक यात्रा का विकल्प मिलेगा।
परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, बाइक टैक्सी सेवा एग्रीगेटर मॉडल पर काम करेंगी, जिसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म (जैसे Ola, Uber, Rapido आदि) रजिस्टर्ड दोपहिया वाहनों को यात्री ढोने के लिए उपयोग में लाएंगे।
दिशानिर्देशों की मुख्य बातें:
- केवल बीमा और रजिस्ट्रेशन वाले दोपहिया वाहन ही सेवा में उपयोग किए जा सकेंगे
- वाहन 15 साल से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए
- सभी ड्राइवरों को वैध ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य
- यात्रियों की सुरक्षा के लिए हेलमेट की व्यवस्था अनिवार्य
- ऐप के माध्यम से राइड की ट्रैकिंग, शुल्क निर्धारण और शिकायत निवारण की सुविधा होनी चाहिए
- राज्य सरकारें इन दिशा-निर्देशों के आधार पर स्थानीय नियमन और परमिट नीति बना सकती हैं
कंपनियों ने जताया उत्साह
इस निर्णय के बाद Rapido, Uber और Ola जैसी ऐप-आधारित परिवहन सेवाएं बेहद उत्साहित हैं। Rapido के प्रवक्ता ने कहा, “यह फैसला साझा मोबिलिटी को बढ़ावा देगा और लाखों युवाओं को स्वरोजगार का सशक्त माध्यम बनेगा।”
Uber ने एक बयान जारी कर कहा कि देश के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मोबिलिटी का लोकतंत्रीकरण इस फैसले से संभव हो पाएगा।
राज्यों को मिलेगी लचीलापन की छूट
हालांकि केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन राज्यों को स्थानीय जरूरतों के अनुसार नियम तय करने की छूट दी गई है। कुछ राज्यों ने पहले ही बाइक टैक्सी सेवा को अनुमति दी है, जबकि कुछ राज्यों में अब इस फैसले के बाद प्रक्रिया शुरू होगी।
क्या बदलेगा?
इस फैसले से कम दूरी की यात्रा के लिए लोगों को सस्ते, तेज और सुविधाजनक विकल्प उपलब्ध होंगे। खासकर मेट्रो शहरों, ट्रैफिक वाले क्षेत्रों और ग्रामीण कस्बों में, जहां सार्वजनिक परिवहन की कमी है, बाइक टैक्सी परिवहन का सशक्त माध्यम बन सकती है।
केंद्र सरकार का यह निर्णय देश की शेयरिंग इकोनॉमी, स्टार्टअप परिवहन मॉडल और सड़क आधारित सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है। अब देखना यह है कि राज्य सरकारें इसे किस तरह से लागू करती हैं और आम जनता को इससे कितना लाभ मिलता है।