रायपुर | छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की रीढ़ माने जाने वाले शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालकों ने सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है। वर्षों से लंबित मांगों के समाधान न होने से नाराज़ संचालकों ने 1 अक्टूबर 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। इस दौरान प्रदेशभर की सभी राशन दुकानें पूरी तरह बंद रहेंगी।आंदोलन के अगले चरण में 5 अक्टूबर को चारामा से रायपुर तक 125 किलोमीटर लंबी पदयात्रा निकाली जाएगी, जो मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर छह सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार से सीधा संवाद करेगी।
छह सूत्रीय मांगों को लेकर नाराज हैं विक्रेता
छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक / विक्रेता कल्याण संघ का कहना है कि वे वर्षों से शासन की महत्वाकांक्षी पीडीएस योजना को ईमानदारी से संचालित कर रहे हैं, लेकिन उनके हितों की लगातार अनदेखी की जा रही है। मुख्य मांगों में शामिल हैं:
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कमीशन दरों में वृद्धि –
खाद्यान्न पर वर्तमान ₹90 और ₹30 प्रति क्विंटल की दर को बढ़ाकर ₹300 प्रति क्विंटल किया जाए। -
मानदेय का निर्धारण –
सेवा सहकारी समिति के विक्रेताओं को ₹30,000 मासिक मानदेय देने की मांग। -
वितरण व्यय की भरपाई –
हैंडिंग लॉस, ई-पॉस मशीन की स्टैंपिंग फीस, संचालन खर्च और परिवहन व्यय की व्यवस्था। -
वित्तीय प्रोत्साहन राशि –
बीते वर्षों से लंबित प्रोत्साहन राशि का भुगतान। -
2022 में बढ़ा NFSA कमीशन –
अब तक लागू नहीं किया गया, जबकि शासनादेश पहले ही जारी हो चुका है। -
समान अधिकार और सुविधा –
सभी जिलों में विक्रेताओं के लिए एक समान नियम और पारिश्रमिक व्यवस्था।
कलेक्टर कार्यालय में सौंपा गया ज्ञापन
संघ के पदाधिकारी और संचालकों ने अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर सरकार जल्द सुनवाई नहीं करती, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है।
संघ पदाधिकारियों का कहना है कि पीडीएस योजना का सुचारु संचालन वर्षों से विक्रेताओं के कंधों पर है, लेकिन उनके वेतन, संसाधन और सुविधा को लेकर सरकार गंभीर नहीं है।
पदयात्रा के जरिए सरकार से संवाद की कोशिश
संघ ने ऐलान किया है कि 5 अक्टूबर को चारामा से शुरू होकर रायपुर तक 125 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली जाएगी। इसमें सैकड़ों विक्रेता शामिल होंगे, और राजधानी पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास के समक्ष विरोध दर्ज कराएंगे। लक्ष्य है कि सरकार सीधे संवाद करे और मांगे तत्काल प्रभाव से पूरी करे।
जनता पर पड़ेगा असर
राशन दुकानों के बंद होने से गरीब और मध्यम वर्ग के लाखों उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से अंत्योदय और प्राथमिकता श्रेणी के राशन कार्ड धारकों को समय पर खाद्यान्न न मिलने की आशंका है।अब यह देखना होगा कि सरकार इस गंभीर स्थिति पर क्या रुख अपनाती है – संवाद का रास्ता चुनती है या टकराव का।

