छह माह की मंगली की मौत पर ग्रामीणों में रोष बरकरार
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Updated At: 16 Jan 2024 at 11:28 PM
छह माह की मंगली की मौत पर राजनीतिक बयानबाजी थम गई हो, लेकिन मुतवेण्डी समेत गंगालूर-बीजापुर इलाके के दर्जनों गांव के ग्रामीणों में घटना को लेकर रोष बरकरार है. इस कड़ी में मूलवासी मंच के नेतृत्व में जिला मुख्यालय में रैली निकालने की तैयारी थी, लेकिन उन्हें प्रशासन से अनुमति नहीं मिली. छह सूत्रीय मांग को लेकर गोरना गांव में जुटे सैकड़ों ग्रामीण मंगली की मां मासे और पिता बामन को साथ लेकर कलेक्टर से मिलकर आवेदन देना चाहते थे. लेकिन प्रशासन की तरफ से इजाजत नहीं मिली. गोरना गांव को जोड़ती सड़क पर बड़ी संख्या में पुलिस और सीआरपीएफ के जवान, राजस्व विभाग के अफसर-कर्मियों के साथ पुलिस के आला अधिकारी डटे हुए थे. जवानों की मुस्तैदी के अलावा सड़क के दोनों छोर पर बांस से बैरिकेडिंग की गई थी, जिससे ग्रामीण बीजापुर ना पहुंच सके.
ग्रामीणों की छह सूत्रीय मांगों में पांच दिन के भीतर घटना की जांच पूरी करने, बगैर ग्राम सभा, ग्रामीणों की गैरमौजूदगी में मुतवेंडी में कैम्प का विरोध, घटना की जांच के लिए जनप्रतिनिधियों के अलावा ग्रामीणों की संयुक्त टीम गठित करने के अलावा मंगली की मां द्वारा गंगालूर थाने में लिखित शिकायत पर अविलंब एफआईआर दर्ज करने सहित कांवडगांव में स्थापित कैम्प को तत्काल हटाने की मांग शामिल है.