अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन समारोह पर बीबीसी की रिपोर्टिंग को लेकर ब्रिटिश कंजरवेटिव पार्टी सांसद बॉब ब्लैकमैन भड़क उठे
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Updated At: 04 Feb 2024 at 12:48 AM
आयोध्या में 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर (Ram Mandir) के उद्घाटन समारोह पर बीबीसी की रिपोर्टिंग को लेकर ब्रिटिश कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन (Bob Blackman) भड़क उठे. उन्होंने ब्रिटिश संसद में इसे पक्षपाती और प्रोपेगैंडा करार दिया. उन्होंने कहा कि बीबीसी ने इस ऐतिहासिक घटना को गलत तरीके से पेश किया है. ब्रिटिश संसद बॉब ब्लैकमैन ने जिस तरह अपने ही देश की मीडिया की खुलकर आलोचना की उसकी सभी तारीफ कर रहे है. उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. ब्लैकमैन ने कहा, “पिछले हफ्ते अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर राम मंदिर का उद्घाटन किया गया. इससे दुनिया भर के हिंदुओं में अपार खुशी की लहर दौड़ गई. लेकिन दुख की बात है कि बीबीसी ने इसे सिर्फ एक मस्जिद के विध्वंस के रूप में बताया, यह भूलते हुए कि यह जगह 2000 साल से अधिक समय पहले एक मंदिर हुआ करती थी. इसके अलावा मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए शहर के पास ही पांच एकड़ जमीन आवंटित की गई है.”
जानिए कौन है बॉब ब्लैकमैन
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन कंजरवेटिव पार्टी से साल 2010 से ब्रिटेन की हारौ ईस्ट सीट से सांसद हैं. बॉब ब्लैकमैन पीएम नरेंद्र मोदी के बड़े समर्थक हैं. इससे पहले उन्होंने पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर भी बयान दिया था.
उन्होंने उस वक्त कहा था कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री एक तरह का प्रोपेगेंडा वीडियो है. यह पत्रकारिता का शर्मनाक रूप है. जिसमें नरेंद्र मोदी पर हमला किया गया है. यह सच्चाई से बहुत दूर है. इसका प्रसारण बीबीसी को नहीं किया जाना चाहिए. ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा था कि, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों के कारणों पर विस्तार से नहीं देखा गया. इस तथ्य पर भी ध्यान नहीं दिया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ सभी दावों की पूरी तरह से जांच की और पाया कि इन दावों में किसी तरह की सच्चाई नहीं है. बता दें कि पीएम मोदी की डॉक्यूमेंट्री रिलीज होने के बाद बीबीसी इंडिया के दिल्ली-मुंबई कार्यालयों में आई-टी डिपाटमेंट ने छापा मारा था, जिसपर बॉब ब्लैकमैन ने कहा था कि यह कोई नई बात नहीं है. यह सुनिश्चित करना बीबीसी इंडिया का काम है कि वे नियमों का पालन करें. उन्हें आयकर विभाग को सभी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने चाहिए.