ऑपरेशन सिंदूर : : छत्तीसगढ़ में जश्न का माहौल, नेताओं ने किया सेना के पराक्रम को सलाम

Faizan Ashraf
Updated At: 07 May 2025 at 11:48 AM
घाटी में शहीद हुए जवानों के परिजनों के दर्द को देश ने जिस दिन महसूस किया, उसी दिन भारत ने एक और संकल्प लिया — आतंक के खात्मे का। और जब सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया, तो पूरा देश गर्व और श्रद्धा से झुक गया। छत्तीसगढ़ में भी इस सैन्य कार्रवाई को लेकर अपार राष्ट्रगौरव की भावना देखने को मिली। राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों, सांसदों और जनप्रतिनिधियों ने भारतीय सेना के अदम्य साहस और प्रधानमंत्री मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की दृढ़ इच्छाशक्ति की सराहना की।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ‘जय हिंद’ के उद्घोष के साथ ऑपरेशन सिंदूर का प्रतीक चिन्ह साझा किया और इसे भारतीय सेना की वीरता का प्रतीक बताया। उन्होंने लिखा, “यह नया भारत आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने में संकल्पित है।”
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने राष्ट्रकवि की पंक्ति "जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है" उद्धृत करते हुए कहा कि “26 बेटियों के सिंदूर को जिन हाथों ने उजाड़ा, अब वही हाथ कांपते दिख रहे हैं। यह नया भारत है — घर में घुसकर मारता है।”
वहीं उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इसे निर्णायक युद्ध की शुरुआत बताते हुए कहा, “मोदी जी और अमित शाह आतंकवाद के विरुद्ध अब पीछे हटने वाले नहीं हैं। यह आरंभ है — अंत नहीं।”
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भी स्पष्ट किया कि “अब आतंकी सुरक्षित नहीं। ऑपरेशन सिंदूर हमारी सैन्य और नैतिक नीति का उद्घोष है।” उन्होंने इसे भारत की रीति-नीति में आए परिवर्तन का प्रमाण बताया।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि “यह मात्र बदला नहीं, यह न्याय है। ऑपरेशन सिंदूर भारत की नई सैन्य चेतना और राष्ट्रीय अस्मिता की पुनर्प्रतिष्ठा है।”
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने सेना, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को सैल्यूट करते हुए कहा कि “भारत जब ठान लेता है, तो कोई भी सीमा, कोई भी आतंकी उसे रोक नहीं सकता।”
पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने इसे देश के साहस का प्रतीक बताया और कहा, “भारत अपने नागरिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
” पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, “जो आग पाकिस्तान ने जलाई थी, अब उसी आग में उनके नापाक मंसूबे जल गए हैं।”
लता उसेंडी ने कहा कि "अब वो युग बीत चुका है जब बेटियों के सिंदूर पर आँच आती थी और भारत चुप रहता था।"
वहीं मंत्री केदार कश्यप ने कहा, “जो भारत से टकराएगा, चकनाचूर हो जाएगा।”
छत्तीसगढ़ के नेताओं की यह भावनाएं न केवल भारत की सामरिक ताकत को दर्शाती हैं, बल्कि इस बात का भी संकेत हैं कि आज का भारत किसी भी कीमत पर अपने सैनिकों और नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।
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