होमबड़ी ख़बरेंविडियो
logo


CrimeanSarhul FestivalNature WorshipCollege Professor ExposedUproar Over 59 Obscene Videoshathras

Chhath puja : बाकी त्योहारों के मुकाबले बेहद कड़ा नियम है छठ का, शुद्ध-सात्विक होने के लिए करना होगा बहुत कुछ

Featured Image

admin

Updated At: 16 Nov 2023 at 03:54 AM

धर्म लोक आस्था का महापर्व छठ 17, 18, 19 और 20 नवंबर को है। नहीं जानने वाले कह सकते हैं कि बिहार में इसकी तैयारी बहुत पहले से शुरू हो जाती है, लेकिन दो कारणों से इसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इस स्टोरी में सिर्फ 'नहाय खाय' को समझें। लोक आस्था के महान पर्व पर छठ गीतों से माहौल बन रहा है। छठ में बिहार आने के लिए मारामारी को देखते-जानते लोग इसका महत्व समझ चुके हैं। इसकी तैयारी वैसे तो कार्तिक मास शुरू होने के साथ ही प्रारंभ मान ली जाती है, लेकिन जमीनी तौर पर कोई भी प्रक्रिया नहाय खाय के पहले नहीं शुरू होती है। वजह यह है कि बहुत पहले से लोग शुद्ध और सात्विक नहीं रह सकते। शुद्धता और सात्विकता का नियम इतना कड़ा है कि अमूमन छठ उठाने (खुद व्रती के रूप में छठ शुरू करना) से पहले एक-दो साल कष्ट उठाया जाता है। व्रती बनने के बाद जितनी कड़ाई से नियमों का पालन करना होता है, यह एक तरह से उसे परखने की व्यवस्था है। नहाय खाय के पहले कुछ भी शुद्ध मानना संभव नहीं कार्तिक मास शुरू होते ही बहुत सारे मांसाहारी घरों में भी लहसुन-प्याज खाना बंद हो जाता है, वैसे बिहार के ज्यादातर घरों में धनतेरस से यह सब वर्जित होता है। धनतेरस या दीपावली से ज्यादातर लोग सेंधा नमक खाना शुरू करते हैं, वैसे बहुत सारे लोग कार्तिक शुरू होते ही सामान्य नमक को छोड़ देते हैं। इतना कुछ करने के बावजूद छठ के लिए अनिवार्य शुद्धता का मानक पूरा नहीं होता। ज्योतिषविद्, तांत्रिक और कर्मकांडी पंडित हो ने के साथ अपने घर में छठ पर्व करने वो पंडित अरुण कुमार मिश्रा कहते हैं- "अगर हम सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए छठ व्रत करने जा रहे हैं और इसके साथ छठी मैया का पूजन करने जा रहे हैं, तो पहले हमें सात्विक होना पड़ेगा। अपने आप को शुद्ध करना पड़ेगा। इसी कारण नहाय खाय से छठ व्रत की शुरुआत होती है। मन-कर्म और वचन से शुद्ध होना पड़ता है। 'नहाय' का अर्थ यहां तन-मन की सफाई है और इसके बाद 'खाय' का अर्थ सात्विक भोजन ग्रहण करना है।" नहाय खाय के बाद इन गलतियों से बचना जरूरी पंडित शशिकांत मिश्र कहते हैं- "नहाय खाय का मतलब तामसी प्रवृत्तियों की सफाई है। शारीरिक रिश्तों में दूरी रखनी होती है। कम और सुपाच्य भोजन ग्रहण करना होता है ताकि शरीर का भीतरी हिस्सा भी साफ हो जाए। यही कारण है कि नहाय खाय में अरवा चावल, चने की दाल, कद्दू की सब्जी या चने के दाल में ही कद्दू मिला कर बने दलकद्दू को ग्रहण किया जाता है। यह पूजा के लिए अलग रखे बर्तन में बनाया जाना चाहिए और यथासंभव मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी की आग पर पकाया जाना चाहिए। शुद्धता के साथ बनाई साग-सब्जियां भी अल्प मात्रा में ग्रहण कर सकते हैं। यह भोजन शुद्ध घी में ही बनता है, इसका ख्याल रखा जाए।"

Follow us on

Advertisement

image

जरूर पढ़ें

Featured Image

फगुआ 2025: : उरांव समुदाय का पवित्र अनुष्ठान, सोनो-रूपो के आतंक से मुक्ति का उत्सव सरहुल और होली से पहले गूंजेगा फगुआ का उल्लास

Featured Image

होली 2025: : खुशियों के रंग और पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प

Featured Image

Join Indian Army through NCC Special Entry! : भारतीय सेना में NCC स्पेशल एंट्री से अधिकारी बनने का सुनहरा मौका,आवेदन प्रक्रिया शुरू

Featured Image

आज से होलाष्टक शुरू: : फाल्गुन मास में इसका विशेष महत्व,होलाष्टक के दौरान क्या करें और क्या न करें?

Featured Image

Airtel का सस्ता धमाका : 199 रुपये वाला प्लान, 28 दिन की वैधता और अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ मिलेंगे ये फायदे! जानिए पूरी डिटेल

Featured Image

Jio का नया धमाका : OTT और क्रिकेट प्रेमियों के लिए Jio का खास प्लान, ₹195 में 15GB डेटा और फ्री JioHotstar सब्सक्रिप्शन

Featured Image

"planetary parade. 2025": : आसमान में दिखेगा अद्भुत नज़ारा: सात ग्रह होंगे एक सीध में

Featured Image

सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी : यूनिफाइड पेंशन स्कीम से मिलेगी गारंटीड पेंशन, 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी पेंशन स्कीम

Featured Image

फास्टैग रिचार्ज में बदलाव: : अब जुर्माना भरने से बचने के लिए समयसीमा का पालन करना होगा

Featured Image

TRAI: : स्पैम कॉल और संदेशों पर लगेगा 10 लाख तक जुर्माना, TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों पर कसा शिकंजा

Advertisement