छत्तीसगढ़ कांग्रेस का बड़ा आरोप: : भारतमाला परियोजना में सत्ताधारी दल का संरक्षण, घोटाले की जांच भटकाने का आरोप

Sameer Irfan
Updated At: 19 May 2025 at 06:45 AM
रायपुर, 19 मई 2025।
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छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भारतमाला परियोजना में हुए मुआवजा घोटाले को लेकर एक बार फिर राज्य और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है।
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने शनिवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाया कि भारतमाला परियोजना में हुए अरबों के भ्रष्टाचार की जांच को भटकाया जा रहा है और असल गुनहगारों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां भाजपा नेताओं के इशारे पर काम कर रही हैं। भाजपा की सलेक्टिव पॉलिटिक्स के तहत उन प्रभावशाली व्यवसायियों, नेताओं और अफसरों को बचाया जा रहा है, जो सीधे तौर पर इस घोटाले से जुड़े हैं। वर्मा ने आरोप लगाया कि जांच के नाम पर केवल विपक्ष से जुड़े या असहज करने वाले लोगों को ही निशाना बनाया जा रहा है, जबकि भाजपा से जुड़े जमीन दलालों और संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई रोक दी गई है।
पूर्व मंत्री और रिश्तेदारों को पहुंचाया गया लाभ
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि भारतमाला परियोजना का डीपीआर 2017 में जानबूझकर बदला गया था, जिससे भाजपा नेताओं और उनके करीबी लोगों को मनमाने ढंग से मुआवजा दिया जा सके। कई मामलों में सरकारी जमीन को निजी बताकर मुआवजा हड़प लिया गया। वर्मा ने यह भी सवाल उठाया कि भाजपा नेता चंद्रशेखर साहू ने स्वयं प्रेस कॉन्फ्रेंस में 53 एकड़ सरकारी भूमि को फर्जी रूप से निजी दिखाकर मुआवजा लेने का आरोप लगाया था, लेकिन अब वे चुप क्यों हैं?
1000 करोड़ से अधिक के घोटाले की आशंका
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुआवजा वितरण में भारी गड़बड़ी कर 330 करोड़ रुपए केवल 10 जिलों में बांटे गए, जबकि पूरे प्रदेश में यह घोटाला 1000 करोड़ रुपए से अधिक का हो सकता है। एक उदाहरण देते हुए वर्मा ने बताया कि 60 खसरों के लिए 18.40 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई, जबकि वास्तविक पात्रता महज 3.5 करोड़ थी।
एनएचएआई और बैंकों की भूमिका भी संदिग्ध
प्रवक्ता ने एनएचएआई और बैंक अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि हितग्राहियों की गैर-मौजूदगी में करोड़ों रुपए उनके खातों से कैसे निकाले गए? उन्होंने यह भी पूछा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस पूरे मामले पर अब तक मौन क्यों हैं?
राज्य एजेंसियां कैसे करें केंद्र सरकार के विभागों की जांच?
वर्मा ने राज्य सरकार की एजेंसी ईओडब्लू की कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण और लीपापोती बताते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार के विभाग इसमें शामिल हैं, तो राज्य की एजेंसियां निष्पक्ष जांच कैसे कर सकती हैं?
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस ने मांग की है कि इस पूरे घोटाले की जांच केंद्रीय स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए और दोषियों को राजनीतिक संरक्षण देना बंद किया जाए। पार्टी ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो कांग्रेस इसे लेकर बड़ा आंदोलन करेगी।
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