शी जिनपिंग के संदेश के जरिए समझने की जारी है माथापच्ची, किधर जाएगा चीन?

admin
Updated At: 19 Oct 2022 at 10:26 PM
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की 20वीं कांग्रेस (महाधिवेशन) का उद्घाटन करते हुए जो भाषण दिया, उसके संदेशों को समझने की दुनिया में अभी भी कोशिश जारी है। 69 वर्षीय शी ने अपने लंबे भाषण में चीन के सामने मौजूद लगभग सभी प्रमुख मुद्दों की चर्चा की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के साथ चीन की अर्थव्यवस्था से जुड़े मसलों पर अपने विचार रखे। इस दौरान उन्होंने ‘साझा समृद्धि’ की अपनी धारणा का खास जिक्र किया, जिसका मकसद देश में आर्थिक गैरबराबरी घटाना बताया गया है।’शंघाई स्थित राजनीतिक विश्लेषक दान मैकलिन ने कहा है कि इस बार के भाषण में शी ने अपने दस साल के शासनकाल की उपलब्धियों का बखान किया। इन उपलब्धियों की वजह से शी की छवि सीपीसी की रक्षक के रूप में बनी है। इस बार उन्होंने सुरक्षा और संघर्षों का अधिक उल्लेख किया। जबकि उन्होंने सपनों के बारे में कम बात की। दान ने वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम से कहा- इस बात के आरंभिक संकेत मिल रहे हैं कि सीपीसी आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चों पर बढ़ रही चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर रही है। इसलिए संभावना है कि अब आर्थिक विकास के ऊपर राजनीति और सुरक्षा को अधिक प्राथमिकता दी जाएगी।एचएसबीसी बैंक की चीन शाखा से जुड़े अर्थशास्त्रियों जिंग लिउ और एरिन शिन के मुताबिक शी ने अनुमान लगाया है कि चीन हर क्षेत्र में आधुनिक समाजवादी देश बनने की तरफ बढ़ता रहेगा। इससे आर्थिक क्षेत्र में बेहतर गुणवत्ता वाले विकास पर जोर बढ़ेगा। यानी तकनीकी आविष्कार और ग्रीन डेवलपमेंट पर अधिक जोर दिखेगा। दोनों अर्थशास्त्रियों के मुताबिक चीन की अर्थव्यवस्था इस समय परिवर्तन के दौर में है। इसके केंद्र में प्रोपर्टी निर्माण आधारित विकास की जगह परंपरागत ढांचा निर्माण को लाया जा रहा है।अमेरिका के सिटी बैंक की रिसर्च शाखा ने शी के भाषण के बारे में जारी अपने विश्लेषण में कहा है कि चीन अब अधिक व्यावहारिक नजरिया अपना रहा है। इस विश्लेषण में शी के भाषण में कही गई इस बात की तरफ ध्यान खींचा गया है कि शून्य कार्बन उत्सर्जन पर जोर के बावजूद कोयला चीन के लिए ऊर्जा आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत बना रहेगा।जापान के बैंक नोमुरा ने कहा है- शी ने पांच साल पहले के अपने संबोधन की तुलना में आधुनिकीकरण, सुरक्षा और जनता शब्दों का अधिक बार उल्लेख किया। जबकि उनके भाषण में सुधार, अर्थव्यवस्था, आविष्कार आदि का कम बार जिक्र हुआ। यह सीपीसी के नजरिए में आए दिशा बदलाव का सूचक है।अमेरिकी बैंक गोल्डमैन सैक्श ने भी इसी तरह की राय जताई है। ग्रो इन्वेस्टमेंट ग्रुप के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा है- चीन ने सबसे ज्यादा जिन शब्दों का जिक्र किया, वे जनता, विकास, सुरक्षा, संघर्ष आदि हैं, जबकि उन्होंने बाजार का बिल्कुल जिक्र नहीं किया। यह बदली प्राथमिकताओं का संकेत है।
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