कोरोना और यूक्रेन युद्ध ने दुनिया में मचाई तबाही...जी-20 सम्मेलन में बोले पीएम मोदी

admin
Updated At: 15 Nov 2022 at 04:21 PM
इंडोनेशिया में आज से शुरू हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बाली पहुंच गए। वह आज शिखर सम्मेलन के तहत होने वाली बैठकों में प्रतिभाग करेंगे। इस सम्मेलन में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो रहे हैं। इस दौरान खाद्य, सुरक्षा, ऊर्जा, यूक्रेन संकट जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। भारत-अमेरिका संबंध पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेड तरार ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच अच्छी और स्पष्ट दोस्ती है। दुनिया के कई ऐसे विषय हैं, जहां दोनों देश आमने-सामने नहीं दिखते, लेकिन इससे हमारे रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ता। हर देश अपनी-अपनी रणनीति के मुताबिक चलता है, सबसे बड़ी बात यह है कि हम रूस पर दबाव बना रहे हैं, अपने मित्र राष्ट्रों पर नहीं। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान बैंक इंडोनेशिया, बैंक नेगारा मलेशिया, बैंगको सेंट्रल एनजी फिलिपींस, सिंगापुर का मौद्रिक प्राधिकरण और बैंक ऑफ थाईलैंड ने सीमा पार भुगतान पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एक बयान में कहा गया कि यह समझौता ज्ञापन सीमा पार व्यापार, निवेश, वित्तीय मदद, पर्यटन जैसी अन्य आर्थिक गतिविधियों की सुविधा प्रदान करता है। इसके साथ ही यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए यह विशेष रूप से फायदेमंद है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा महत्वपूर्ण है। क्योंकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा, हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, 2030 तक हमारी आधी बिजली अक्षय स्रोतों से पैदा होगी। आगे कहा, भारत में स्थायी खाद्य सुरक्षा के लिए हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं और बाजरा जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्नों को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं। बाजरा वैश्विक कुपोषण और भूख को भी दूर कर सकता है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा। हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए। पीएम ने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली सदी में द्वितीय विश्व युद्ध ने दुनिया में कहर बरपाया था जिसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने का गंभीर प्रयास किया। अब हमारी बारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन ने के दौरान फूड एनर्जी सिक्योरिटी सत्र में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना और यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। इससे दुनिया में तबाही फैल गई है। उन्होंने कहा कि यूएन जैसी संस्थाएं इन मुद्दों पर विफल रही हैं। इसलिए हम सभी को मिलकर यूक्रेन युद्ध रोकने का रास्ता निकालना होगा।
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