बिहार में बाढ़ से तबाही : 13 जिले के 200 गाँव डूबे, बांध टूटे, बागमती, गंडक और कोसी उफान पर, लाखों लोग प्रभावित

admin
Updated At: 30 Sep 2024 at 03:16 PM
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बिहार में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। राज्य के 13 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं, जिसमें गोपालगंज, सहरसा, सुपौल, मधुबनी, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण समेत कई अन्य जिले शामिल हैं। नेपाल में भारी बारिश और वहां से छोड़े गए पानी ने नदियों का जलस्तर खतरनाक स्थिति में पहुंचा दिया है। (Flood affected districts in Bihar) इन जिलों में लाखों लोग बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं और प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।
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बाढ़ के चलते बांधाें के तटबंंध टूटे
बिहार में बाढ़ के कारण कई नदियों के किनारे बने बांध टूटने की खबरें आ रही हैं। खासकर, गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण जिलों में बाढ़ के दबाव से बांध टूटने से स्थिति और गंभीर हो गई है। सीतामढ़ी के मधकौल में बांध में दरार आ गई है।बागमती और गंडक नदियों के किनारे बसे क्षेत्रों में बांधों के टूटने से पानी तेजी से फैल गया है। बागमती, गंडक, कोसी, महानंदा, कमला बलान और गंगा उफान पर है। इन नदियों के किनारे बसे गांवों और शहरों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
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राहत और बचाव कार्य जारी (Flood relief operations in Bihar)
बाढ़ के मद्देनजर बिहार सरकार ने राहत कार्यों में तेजी लाई है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रशासन ने नावों और राहत शिविरों की व्यवस्था की है। नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद कोसी, गंडक और बागमती नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे कई जगहों पर सड़कों और पुलों का संपर्क टूट गया है। राहत शिविरों में पीड़ितों को भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
वीरपुर स्थित कोसी बराज के 56 के 56 फाटक खोल दिए गए हैं. कोसी बराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है।
क्या है बिहार में बाढ़ आने की वजह (Heavy rain impact in Bihar)
इस बार की बाढ़ की वजह नेपाल में हुई भारी बारिश और वहां से छोड़ा गया पानी है। नेपाल के बांधों से छोड़े गए पानी ने बिहार की नदियों में जलस्तर को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है। इसके अलावा, बिहार के कई इलाकों में हुई लगातार बारिश ने भी बाढ़ की स्थिति को और बिगाड़ दिया है। जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा का पैटर्न असामान्य हो गया है, जिससे बाढ़ की घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
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पिछली बार इतनी जबरदस्त बाढ़ कब आई थी
बिहार में इससे पहले इतनी भीषण बाढ़ 2017 में आई थी, जब 18 जिलों में लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए थे। (Bihar flood disaster) उस समय भी नेपाल से पानी छोड़े जाने और लगातार बारिश के कारण स्थिति बिगड़ी थी। प्रशासन ने तब भी राहत कार्य शुरू किए थे, लेकिन इस बार बाढ़ का प्रभाव और भी गंभीर दिखाई दे रहा है।
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जानें, बिहार के किन 13 जिलों में बाढ़ आई है
गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, सहरसा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार जिलों में बाढ़ आई है। बाढ़ के कारण गांवों और शहरों में पानी भर गया है, जिससे लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। (Flood warning in Bihar) प्रशासन ने सभी जिलों में अलर्ट जारी किया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश दिए हैं। राहत शिविरों में लोगों को भोजन और दवाइयां दी जा रही हैं। हालांकि, लगातार बढ़ते जलस्तर से स्थिति पर काबू करना मुश्किल हो रहा है।
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नेपाल में बाढ़ से 170 लोगों की मौत
नेपाल में बाढ़ के कारण 170 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 42 लोग लापता हैं। बिहार के लाखों लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिनमें 16 लाख से अधिक लोग 13 जिलों में बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। राहत कार्य जारी है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है। (Nepal flood impact) इस बाढ़ ने वर्षों पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
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नेपाल में भूस्खलन और घरों का नुकसान
नेपाल में आई बाढ़ ने कम से कम 322 घरों और 16 पुलों को तबाह कर दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने काठमांडू घाटी में 40-45 वर्षों में ऐसी विनाशकारी बाढ़ और पानी का कहर कभी नहीं देखा। नेपाल की गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं। (Floods in Nepal) नेपाल की सेना और पुलिस ने अब तक 4,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है।
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