महाशिवरात्रि पर शिवालयों में उत्साह, दर्शन और जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

admin
Updated At: 08 Mar 2024 at 01:51 PM
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छत्तीसगढ़ के शिवालयों में महाशिवरात्रि की धूम है। विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग गरियाबंद में स्थित भूतेश्वर मंदिर, रायपुर के बूढ़ेश्वर मंदिर, हटकेश्वर मंदिर के साथ सभी शिवालयों में 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर सुबह से दर्शन और जलाभिषेक करने श्रद्धालु उमड़े। बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में सुबह चार से 6.30 बजे पंचामृत अभिषेक व भस्म आरती के साथ महाशिवरात्रि की शुरुआत हुई। सर्वार्थसिद्धि, शिव योग और शुक्र प्रदोष व्रत के संयोग में मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की बरात निकाली जाएगी। भूत, प्रेत के साथ देवगण का रूप धारण कर युवा बरात में शामिल होंगे।
महाशिवरात्रि के दिन पहले करें ये काम
शिव जी की पूजा करने से पहले आपको नित्य कर्मों से निवृत होकर स्नान कर साफ वस्त्र धरण करने चाहिए। सबसे पहले गणेश जी को प्रणाम करें। इसके बाद पूजा स्थल पर भगवान शिव और माता पार्वती के साथ नंदी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करनी चाहिये। आप मिट्टी से भी शिवलिंग सहित शिव परिवार की रचना कर सकते हैं। यदि घर में शिवलिंग है तो मिट्टी के पात्र या तांबे के लोटे में जल भरकर शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए।
शिवजी का पूजन करना अत्यंत श्रेष्ठ
ज्योतिषाचार्य डा.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार प्रदोष व्यापिनी चतुर्दशी तिथि को रात्रि के समय शिवजी का पूजन करना अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है। सुबह से लेकर रात तक श्रद्धालु शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और जल अर्पण करके मनोवांछित फल की कामना करेंगे। इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक-दूसरे के समीप होते हैं। शिव पूजन से आत्मिक शांति और मन व भावनाओं से संबंधित रोग दूर होते हैं। शिवलिंग की पूजा और जल अर्पित करने से मांगलिक दोष दूर होने और बिगड़े कार्य पूर्ण होने की मान्यता है।
महिला दिवस और महाशिवरात्रि एक ही दिन
इस साल आठ मार्च को महिला दिवस पर महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। शाम से लेकर पूरी रात अलग-अलग प्रहर में शिवजी का पूजन, अभिषेक किया जाएगा। इसमें निशिथ काल यानि आधी रात को शिवजी का पूजन करना श्रेष्ठ है। ज्योतिषाचार्य डा.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष में त्रि स्पर्शा यानी त्रयोदशी, चतुर्दशी व अमावस्या की युति में महाशिवरात्रि मनाए जाने का विधान है। इस दिन को शिवलिंग के प्रादुर्भाव और शिव-पार्वती विवाह के रूप में मनाया जाता है।
शिव बारात की रहेगी धूम
महाशिवरात्रि पर्व से पहले शिव मंदिरों में तैयारियां जोरशोर से की जा रही है। सुबह से दोपहर तक जलाभिषेक की व्यवस्था की जाएगी। इसके पश्चात भोलेनाथ की बरात आकर्षण का केंद्र होगी। शहर में एक दर्जन से अधिक मंदिरों से भोलेबाबा की बारात में भूत, प्रेत, देवगणों की सजीव झांकी निकाली जाएगी। शाम को शिव मंदिरों में शिवलिंग का विविध रूपों में श्रृंगार दर्शन करने भक्त उमड़ेंगे।
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