ख्वाजा गरीब नवाज के आसताने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भेजी चादर,छत्तीसगढ़ की सुख, समृद्धि, खुशहाली और अमन चैन की दुआ
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Updated At: 13 Jan 2024 at 08:06 PM
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज शाम यहां राज्य अतिथि गृह ‘पहुना’ में जयंती भाई पटेल और मदरसा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मिर्जा एजाज बेग ने सौजन्य मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने हिन्दल वली अताए रसूल हजरत ख्वाजा गरीब नवाज रहमत उल्लाह अलेह के 802 उर्स मुबारक के मौके पर ख्वाजा गरीब नवाज के आसताने पर चादर भेजी और छत्तीसगढ़ की सुख, समृद्धि, खुशहाली और अमन चैन की दुआएं की.
इस खास मौके पर नासीर खान, इमरान अशरफी, अकबर अली सहित साजीद पठान, मोबीन अहमद, मौजम मेमन, सूफी इल्यास चिस्ती, सलमान अशरफी, मो. कासीम और आमीर बेग मौजुद थे.
हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का 812वां उर्स
गौरतलब है कि, ख्वाजा गरीब नवाज का 812वां उर्स शुरू हो चुका है. शुक्रवार को चांद दिखने की हिलाल कमेटी की घोषणा के बाद उर्स की विधिवत शुरुआत हो चुकी है. दरगाह के निजाम गेट से आगे नौबत खाने में उर्स के आगाज को लेकर परंपरा के अनुसार शादियाने बजाए गए. उर्स के आगाज के साथ ही दरगाह में उर्स की रस्में शुरू हो गई हैं. इसके तहत ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की पहली महफिल दरगाह परिसर में महफिल खाने में दरगाह दीवान की सदारत में हुई. महफिल में शाही कव्वालों की ओर से परंपरागत कव्वालियां पेश की गईं. इस दौरान बड़ी संख्या में जायरीन महफिल खाने में जायरीन जुटे हुए हैं. वहीं दरगाह में उर्स के पहले दिन जन्नती दरवाजे से होकर आस्ताने में हाजरी लगाने के लिए बड़ी संख्या में जायरीन की आवक भी बनी हुई है.
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह का जन्नती दरवाज़ा खोला गया
बता दें कि, उर्स की शुरुआत के साथ ही ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह का जन्नती दरवाज़ा खोला दिया गया है. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह का जन्नती दरवाज़ा साल में सिर्फ चार बार खोला जाता है. ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में 6 रोज़, ख्वाजा गरीब नवाज के पीरो मुर्शिद के उर्स के मौके पर एक रोज़, ईद उल फित्र ओर ईद उल अज़हा के मौके पर एक रोज़ के लिए ये दरवाज़ा खोला जाता है. क्योंकि उर्स में ज़ायरीन की भीड़ काफी रहती है इसी लिए जिला इंतेजामिया ओर पुलिस की जानिब से माकूल इंतेज़ामात किए जाते है. जन्नती दरवाज़े से गुज़रने के लिए ज़ायरीन में होड़ लगी रहती है कहि भगदड़ न हो इसलिए हिफाज़त के लिहाज से मजबूत मोटी रस्सियां बांधकर पब्लिक को रोका जाता है.