Voter ID Card Will Be Linked to Aadhar Card: : वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा: केंद्रीय गृह सचिव और मुख्य चुनाव आयुक्त की बैठक में लिया गया निर्णय

Faizan Ashraf
Updated At: 18 Mar 2025 at 11:43 PM
Voter ID Card Will Be Linked to Aadhar Card: Decision Taken in Meeting of Home Secretary and CEC
अब मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और केंद्रीय गृह सचिव की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। मतदाता पहचान पत्र के आधार से जुड़ने से न केवल फर्जी मतदाताओं की पहचान में मदद मिलेगी, बल्कि भविष्य में फर्जी मतदान पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने निर्वाचन सदन, नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, यूआईडीएआई के सीईओ और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बैठक की। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का कार्य संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार किया जाएगा, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के पुराने निर्णयों का भी हवाला दिया गया। चुनाव आयोग और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) जल्द ही इस संबंध में तकनीकी विशेषज्ञों से परामर्श करेंगे।
चुनाव आयोग ने कहा कि यह कदम संविधान सम्मत तरीके से उठाया जाएगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सिविल संख्या 77/2023 में निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान के लिए अपनी भावना व्यक्त की थी, जो इस फैसले की पुष्टि करता है।
अप्रैल तक मांगे जाएंगे सुझाव
इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए चुनाव आयोग 31 मार्च से पहले निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों, जिला चुनाव अधिकारियों और मुख्य चुनाव अधिकारियों की बैठक बुलाएगा। आयोग ने इस संबंध में सभी राष्ट्रीय और राज्य मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल तक सुझाव मांगे हैं।
सुप्रीम कोर्ट का रुख होगा ध्यान में
सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस प्रक्रिया पर रोक लगा चुका है। मार्च 2015 से अगस्त 2015 तक चुनाव आयोग ने 30 करोड़ वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रयास किया था, जिसके बाद आंध्रप्रदेश और तेलंगान में 55 लाख लोगों के नाम हटाए गए थे और मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था।
स्वैच्छिक रूप से जोड़ने की सुविधा
वर्तमान में, वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का प्रावधान स्वैच्छिक रूप से किया जा सकता है, जैसा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23 के तहत चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 में कहा गया है। इसके तहत, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी मौजूदा या भावी मतदाताओं से आधार संख्या प्रदान करने की स्वैच्छिक मांग कर सकते हैं।
विपक्ष के आरोपों के बाद बुलाई गई बैठक
इन दिनों संसद के भीतर और बाहर डुप्लीकेट वोटर कार्ड (ईपीआईसी) के नंबरों को लेकर विवाद हो रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी यह मुद्दा उठाया था। चुनाव आयोग ने इस समस्या को हल करने के लिए तीन महीने के भीतर कदम उठाने का वादा किया था, जिसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी।
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