जशपुर।
आदिवासी बालक आश्रम बगिया में एक छात्र की सर्पदंश से हुई दर्दनाक मौत के बाद प्रशासन ने तत्काल सख्त कार्रवाई करते हुए दो जिम्मेदार को निलंबित कर दिया है। कलेक्टर जशपुर द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि आश्रम की देखरेख में गंभीर लापरवाही बरती गई, जिसकी वजह से एक मासूम छात्र की जान चली गई।
जांच में सामने आया कि आश्रम परिसर गंदगी से भरा हुआ था, साफ-सफाई नियमित रूप से नहीं हो रही थी और अधिकारियों की उपस्थिति व निरीक्षण भी नहीं हो पा रहा था। इसके चलते अध्ययनरत छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चूक हुई। इस आधार पर कलेक्टर ने आश्रम प्रभारी शिक्षक ठाकुर दयाल सिंह और नियमित भृत्य रामकुमार सिदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। दोनों अधिकारियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1966 के तहत कार्रवाई की गई है। आदेश में यह भी कहा गया है कि निलंबन अवधि में ये केवल जीवन निर्वाह भत्ता पाने के पात्र होंगे।
उल्लेखनीय है कि यह कार्रवाई उस घटना के बाद की गई है, जिसमें आदिवासी आश्रम में अध्ययनरत तीसरी कक्षा का छात्र मच्छरदानी में सोते समय सांप के काटने का शिकार हो गया। रात करीब 3 बजे छात्र को सर्पदंश हुआ, साथी छात्रों ने तत्काल अधीक्षक को सूचना दी, लेकिन समय रहते इलाज नहीं मिल पाया। छात्र को सुबह 4:30 बजे मृत घोषित कर दिया गया। घटना के बाद परिजनों में शोक के साथ भारी आक्रोश देखा गया। उन्होंने छात्रावास में सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
जिले में इससे पहले भी कई छात्रावासों की अव्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस दुखद घटना ने व्यवस्था की हकीकत सामने ला दी है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस कार्रवाई के बाद आश्रमों में सुधार के लिए क्या दीर्घकालिक कदम उठाता है

