राजधानी और उसके आसपास लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने प्राकृतिक नजारों को बेहद खूबसूरत जरूर बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही खतरे का स्तर भी बढ़ गया है। जोन्हा, हुंडरू, दशम, सीता और रिमिक्स फॉल जैसी मशहूर जलप्रपातों में इस समय जबरदस्त उफान देखने को मिल रहा है। तेज धाराओं और फिसलन भरी चट्टानों ने पर्यटकों के लिए बड़ा खतरा खड़ा कर दिया है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी जारी करते हुए लोगों से अपील की है कि फिलहाल वे जलप्रपातों के नजदीक न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
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जलप्रपातों में खतरनाक उफान, प्रशासन सतर्क
रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि बारिश के चलते फॉल क्षेत्र पूरी तरह जोखिमपूर्ण हो चुका है। किसी भी समय पानी का स्तर अचानक बढ़ सकता है, जिससे हादसों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन ने लोगों को जलप्रपातों से दूर रहने, फिसलन भरी चट्टानों पर न चढ़ने और तेज धाराओं के पास न जाने की सलाह दी है।
ग्रामसभा के सदस्य और स्थानीय ग्रामीणों ने भी इस अलर्ट का समर्थन किया है। उनका कहना है कि बारिश के मौसम में हर साल ऐसे हादसे सामने आते हैं, इसलिए इस बार पहले से सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
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पर्यटकों की मुश्किलें और स्थानीय अनुभव
स्थानीय निवासी संजय बड़ाईक और मनोज पासवान का कहना है कि बारिश के मौसम में पानी का बहाव इतना तेज हो जाता है कि कई बार बाहर से आए लोग फंस जाते हैं। फोटो खींचने या नहाने की कोशिश में कई हादसे हो चुके हैं। वहीं कुछ पर्यटकों ने बताया कि उन्हें रास्ते में ही लौटना पड़ा, क्योंकि सड़क किनारे पानी का बहाव इतना तेज था कि आगे बढ़ना संभव नहीं था।
इस बार प्रशासन की सख्ती से कई लोगों को जोखिम भरे स्थानों तक जाने से रोका गया है। हालांकि सोशल मीडिया पर बारिश के बीच झरनों की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिससे लोग आकर्षित हो रहे हैं।
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रांची के आसपास मौजूद जलप्रपातों जैसे जोन्हा फॉल, हुंडरू फॉल, दशम फॉल, सीता फॉल और रिमिक्स फॉल हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। लेकिन बरसात के दिनों में इनका रूप पूरी तरह बदल जाता है।पानी का स्तर अचानक बढ़ने से लोग बहाव में फंस सकते हैं, फिसलन भरी चट्टानें गिरने का खतरा बढ़ा देती हैं, तेज धाराएं इंसान को पलभर में खींच सकती हैं।
इसी वजह से प्रशासन ने इस बार कड़ा कदम उठाया है और लोगों को अलर्ट जारी कर जलप्रपातों से दूरी बनाने की अपील की है।
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