नई दिल्ली (NRI Quota MBBS Admission). विदेश में एनआरआई के तौर पर रहने वाले कई स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई के लिए भारत लौट आते हैं. अगर आप भी एनआरआई हैं या आपके परिजन विदेश में रहते हैं तो एनआरआई कोटा लगाकर मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस प्रोग्राम में एडमिशन ले सकते हैं. लोगों के मन में एनआरआई कोटा को लेकर कई सवाल हैं: क्या नीट पास करना जरूरी है? क्या सरकारी मेडिकल कॉलेजों में NRI कोटा का फायदा मिलता है या यह केवल प्राइवेट कालेजों तक सीमित है?
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अगर आप NRI हैं- चाहे OCI, PIO या किसी विदेशी देश में स्थायी निवासी.. तो यह समझना जरूरी है कि भारत के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए NRI कोटा कैसे काम करता है. एक्सपर्ट्स और एडमिशन गाइड की मानें तो भारत में ज्यादातर मेडिकल कॉलेज (सरकारी और निजी) नीट के जरिए ही एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन देते हैं. इन मेडिकल कॉलेजों की लगभग 15% सीटें एनआरआई कोटा वाले उम्मीदवारों के लिए आरक्षित की जाती हैं.
NRI कोटा क्या होता है?
एनआरआई कोटा एक खास तरह का रिजर्वेशन है. इसके जरिए एनआरआई/OCI/PIO स्टूडेंट्स के लिए MBBS सीटें रिजर्व की जाती हैं. यह कोटा आमतौर पर कुल सीटों का लगभग 15% होता है और यह सरकारी और निजी, दोनों तरह के मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध होता है.
क्या एनआरआई कोटा वालों के लिए नीट पास करना जरूरी है?
एनआरआई कोटा की पात्रता और जरूरी दस्तावेज
एनआरआई कोटा के लिए उम्मीदवार को नीचे लिखी शर्तें पूरी करनी होती हैं:
- नीट पास होना चाहिए
- NRI/OCI/PIO स्टेटस का सर्टिफिकेट (पासपोर्ट, वीजा, NOC आदि)
- क्लास 12 में PCM विषयों में कम से कम 50-60% मार्क्स
- NRI स्पॉन्सर के साथ ब्लड रिलेशन साबित करने वाले डॉक्यूमेंट