पॉक्सो अधिनियम के 10 वर्ष हुए पूरे 290 फीसदी बढ़े बच्चों से दुष्कर्म... 64% को न्याय का इंतजार,

admin
Updated At: 15 Nov 2022 at 06:33 PM
बीते 10 साल में बच्चों से दुष्कर्म मामलों में 290 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इनमें से 64 फीसदी पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है। यह खुलासा प्रोत्साहन इंडिया फाउंडेशन की रिपोर्ट में हुआ है, जिसे सोमवार को जारी किया गया।
स्प्रे डालकर एटीएम ऑपरेटर से मारपीट, नकाबपोश बदमाशों ने चाकू की नोक पर लूट लिए 13 लाख रुपये
प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट (पॉक्सो अधिनियम) के 10 वर्ष पूरे होने पर इस कानून के तहत 2012 से अब तक दर्ज घटनाओं की समीक्षा के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 में बच्चों से दुष्कर्म के 8,541 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2021 में इनकी संख्या 83,348 हो गई।
99 फीसदी घटनाओं में पीड़ित बच्चियां
‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम’ नाम से जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से अब तक बच्चों के खिलाफ यौन शोषण के 1,26,767 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें 1,25,560 यानी 99% घटनाओं में पीड़ित मासूम बच्चियां हैं। फाउंडेशन की सोनल कपूर ने कहा, 2012 में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के लिए पॉक्सो अधिनियम अस्तित्व में आया था। इस कानून को 10 वर्ष पूरे हुए हैं। इसके तहत अब तक देश में क्या तस्वीर बदली है? यह जानने के लिए कानूनी आंकड़ों की समीक्षा के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत संघ की प्रांतीय बैठक में लेंगे हिस्सा, बुद्धिजीवी वर्ग से करेंगे मुलाकात,10 हजार स्वयं सेवक करेंगे पथ संचलन, बौद्धिक कार्यक्रम को भी करेंगे संबोधित
12.1 बच्चे यौन हिंसा के शिकार हुए प्रति एक लाख आबादी पर साल 2021 में... इनमें 52,836 लड़कियां और 1,038 लड़के शामिल
2019 : एक लाख की आबादी पर 10.6 बच्चे यौन हिंसा के शिकार हुए जिनमें 46,005 लड़कियां और 1,330 लड़के पीड़ित थे।
2020 : एक लाख की आबादी पर 10.6 बच्चे पीड़ित थे जिनमें 46,123 लड़कियां, 1,098 लड़के शामिल थे।
क्या है पॉक्सो अधिनियम
यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 : साल 2007 में महिला व बाल विकास मंत्रालय ने बाल शोध अध्ययन रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए एक सख्त कानून लागू करने की सिफारिश की गई। इसके बाद यह अधिनियम लागू हुआ था।
2014 में अर्थशास्त्री इंटेलिजेंस यूनिट लंदन की ओर से एक विश्लेषण प्रकाशित किया गया था... जिसमें भारत के पॉक्सो अधिनियम को सबसे अच्छा कानूनी ढांचा माना गया। यूके, ऑस्ट्रेलिया और स्वीडन जैसे देशों से ज्यादा बेहतर स्थिति में भारत को रखा गया।
ज्यादातर मामलों में करीबी लोग जिम्मेदार
चाइल्ड केयर सर्विसेज के विपुल यश बताते हैं कि हर साल लाखों बच्चे यौन शोषण का सामना कर रहे हैं। अध्ययन बताते हैं कि सबसे अधिक दुर्व्यवहार ऐसे व्यक्ति के हाथों होता है, जिसे बच्चा घर, स्कूल या आसपास नजदीकी से जानता हो, उस पर भरोसा करता हो। हालांकि, यह भी तथ्य है कि सुरक्षा के बिना डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग ने भी बच्चों को जोखिम में डाला है।
...जागरूक हो रहे लोग
विशेषज्ञों के अनुसार, घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन दर्ज मामलों के बढ़ते आंकड़े लोगों में कानूनी जागरूकता के संकेत भी हैं। अभी भी काफी मामले दर्ज नहीं हो पाते हैं या पुलिस स्टेशन तक नहीं पहुंच पाते।
Follow us on
Advertisement

जरूर पढ़ें

आज से होलाष्टक शुरू: : फाल्गुन मास में इसका विशेष महत्व,होलाष्टक के दौरान क्या करें और क्या न करें?

Airtel का सस्ता धमाका : 199 रुपये वाला प्लान, 28 दिन की वैधता और अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ मिलेंगे ये फायदे! जानिए पूरी डिटेल

Jio का नया धमाका : OTT और क्रिकेट प्रेमियों के लिए Jio का खास प्लान, ₹195 में 15GB डेटा और फ्री JioHotstar सब्सक्रिप्शन

"planetary parade. 2025": : आसमान में दिखेगा अद्भुत नज़ारा: सात ग्रह होंगे एक सीध में

सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी : यूनिफाइड पेंशन स्कीम से मिलेगी गारंटीड पेंशन, 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी पेंशन स्कीम

फास्टैग रिचार्ज में बदलाव: : अब जुर्माना भरने से बचने के लिए समयसीमा का पालन करना होगा

TRAI: : स्पैम कॉल और संदेशों पर लगेगा 10 लाख तक जुर्माना, TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों पर कसा शिकंजा

Youtube: : यूट्यूब के दो नए धमाकेदार फीचर लॉन्च, क्रिएटर्स और यूजर्स दोनों को मिलेगा फायदा

Weather: : इस साल फरवरी से ही कहर बरपाएगी गर्मी, सूखे का दिखेगा प्रकोप; बदलते मौसम को लेकर IMD ने जारी किया अलर्ट

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी : सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा के आवेदन सुधार का अंतिम अवसर, जानें अंतिम तारीख
Advertisement