प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष मुख्यमंत्री साय का आत्मनिर्भर बस्तर विजन: : 75 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था और 3T मॉडल से 2047 का लक्ष्य

Sameer Irfan
Updated At: 24 May 2025 at 05:44 PM
रायपुर, 24 मई 2025। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ का आत्मनिर्भर बस्तर विजन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कभी नक्सल हिंसा के लिए चर्चित बस्तर अब देश को विकास, रोजगार और आत्मनिर्भरता का नया मॉडल देने को तैयार है।
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मुख्यमंत्री साय ने बैठक में छत्तीसगढ़ के लिए 75 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा और इसके केंद्र में ‘3T मॉडल’ (Technology, Transparency, Transformation) को बताया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार तकनीक आधारित, पारदर्शी और तेजी से निर्णय लेने वाली प्रशासनिक व्यवस्था पर काम कर रही है। हर योजना को डिजिटली ट्रैक किया जा रहा है ताकि जनता को सटीक और समय पर सेवाएं मिल सकें। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह मॉडल छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के साथ भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को भी मजबूती देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने 2047 तक राज्य की अर्थव्यवस्था को 6 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 75 लाख करोड़ रुपये करने का रोडमैप तैयार किया है। इस दौरान प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। यह संकल्प ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डॉक्यूमेंट’ के माध्यम से तय हुआ है, जिसमें राज्य के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास की समग्र योजना निहित है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, अधोसंरचना, आईटी, पर्यटन और कौशल विकास समेत 13 क्षेत्रों पर फोकस किया गया है। इन क्षेत्रों के क्रियान्वयन के लिए 10 विशेष मिशन भी चलाए जा रहे हैं।
बस्तर अब संघर्ष नहीं, संभावना का प्रतीक
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर अब संघर्ष का नहीं, बल्कि संभावनाओं का प्रतीक बन गया है। बस्तर के 32 ब्लॉकों में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले गए हैं, जहां युवाओं को कंप्यूटर, स्वास्थ्य, फूड प्रोसेसिंग और तकनीकी प्रशिक्षण मिल रहा है। यहां के बच्चे अब जंगल में लकड़ी चुनने की जगह लैपटॉप और मशीनें चला रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में अब बड़े निवेश हो रहे हैं। नवा रायपुर में देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट और एआई डेटा सेंटर से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अब बस्तर ‘मेक इन इंडिया’ का प्रमुख स्थल बन रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए पुनर्वास, प्रशिक्षण और स्वरोजगार योजनाएं तैयार की गई हैं। आदिवासियों को स्थानीय उत्पादों की बिक्री से रोजगार मिल रहा है। बस्तर का धुड़मारास गांव संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव’ की सूची में शामिल किया गया है।
भौगोलिक और औद्योगिक अधोसंरचना में ऐतिहासिक निवेश
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क को 1100 किमी से बढ़ाकर 2200 किमी तक ले जाने का काम हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर 21 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। रायपुर एयरपोर्ट से अब कार्गो सेवा प्रारंभ हो चुकी है, जिससे राज्य एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब बनेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ खनिज संपदा से समृद्ध है। स्टील, कोयला, डोलोमाइट और लिथियम जैसे संसाधनों की उपलब्धता के चलते यह औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी राज्य बनता जा रहा है। स्टील उत्पादन को 28 मिलियन टन से 45 मिलियन टन और बिजली उत्पादन को 2030 तक देश में शीर्ष पर ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। लिथियम ब्लॉक की सफल नीलामी से छत्तीसगढ़ ने ग्रीन एनर्जी और ई-वाहनों के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है।
प्रशासनिक नवाचार और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने 350 से अधिक नीतिगत सुधार किए हैं। जमीन पंजीकरण अब केवल 500 रुपये में घर बैठे हो रहा है। नई औद्योगिक नीति में प्ले स्कूल, हॉस्पिटल और कॉलेज खोलने वालों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री मोदी के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के सिद्धांत को पूरी निष्ठा से लागू कर रहा है।
नीति आयोग में छत्तीसगढ़ के 2047 रोडमैप की प्रमुख बातें
ऊर्जा और उद्योग की रीढ़: छत्तीसगढ़ बिजली, कोयला, स्टील और सीमेंट के जरिए भारत की औद्योगिक नींव को मजबूत कर रहा है।
खेती और जंगल: कृषि, मछलीपालन और वनोपज आधारित रोजगार से आदिवासी और ग्रामीण जीवन में नई समृद्धि आई है।
आदिवासी अधिकारों में नई क्रांति: जमीन के अधिकार मिलने से आदिवासी परिवारों की सुरक्षा और सम्मान बढ़ा है।
HHH मॉडल से पर्यटन: हॉस्पिटैलिटी, हाउसिंग और हैंडीक्राफ्ट से महिलाओं और कारीगरों को रोजगार और छत्तीसगढ़ को वैश्विक पहचान।
डिजिटल बदलाव: 3T मॉडल से सरकारी कामकाज पारदर्शी और तेज़ हो गया है, जिससे जनता का भरोसा बढ़ा है।
नीतिगत नेतृत्व में अग्रणी: अब छत्तीसगढ़ सिर्फ संसाधनों का नहीं, बल्कि नीतिगत नवाचार का भी प्रमुख राज्य बन गया है।
सड़क परिवहन और हवाई संपर्क: 11 साल में 21,380 करोड़ की सड़कें, एयरपोर्ट से सीधा देशभर से संपर्क।
रेल सुविधाओं का विस्तार: 2030 तक 2200 किमी रेल नेटवर्क, जिससे कनेक्टिविटी और व्यापार बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने भरोसा दिलाया कि छत्तीसगढ़ का यह आत्मनिर्भर बस्तर विजन राज्य को समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
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