संचार प्रणाली के जरिए भारत कर रहा मदद, मृतकों की संख्या 41,000 के पार

admin
Updated At: 15 Feb 2023 at 06:43 PM
भूकंप से प्रभावित तुर्किए में भारतीय सेना और NDRF की टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है। भारतीय सेना भूकंप प्रभावित इलाकों में फील्ड हॉस्पिटल बनाने के साथ-साथ अन्य तरीकों से भी मदद का समाधान ढूंढ़ने में लगी हुई है। इसी क्रम में कैप्टन करण सिंह और सब पीजी सप्रे सहित सेना की एक टीम ने एक नेटवर्क-स्वतंत्र, रीयल टाइम ट्रैकिंग और मैसेजिंग मॉड्यूल- 'संचार' विकसित किया है, जिसका उपयोग सभी रक्षा बलों और अर्धसैनिक बलों द्वारा युद्ध क्षेत्र में अपनी टीम के सदस्यों और संपत्तियों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। अब इसी संचार प्रणाली का उपयोग तुर्किये में उन क्षेत्रों में भी किया जा रहा है जहां स्थानीय आबादी को राहत देने के लिए भारतीय सेना की टीमों को तैनात किया गया है। भारत की तरफ से 10 फरवरी को तुर्किए और सीरिया दोनों के लिए बड़ी मात्रा में राहत सामग्री की व्यवस्था की गई थी। सीरिया के लिए भेजी गई खेप में 7.3 टन की 72 महत्वपूर्ण देखभाल दवाएं, उपभोग्य वस्तुएं और सुरक्षात्मक वस्तुएं शामिल हैं, जिनकी कीमत 1.4 करोड़ रुपये है, जबकि तुर्किए के लिए भेजी गई राहत सामग्री में 14 प्रकार के चिकित्सा और महत्वपूर्ण देखभाल उपकरण शामिल हैं, जिनकी कीमत 4 करोड़ रुपये है। बता दें कि छह फरवरी को तुर्किए और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता वाले भूकंप के एक हफ्ते से भी अधिक समय के बाद भी मलबे के भीतर से शव बरामद हो रहे हैं। मरने वालों की संख्या 41,000 के आंकड़े को पार कर गई है, दक्षिणी तुर्की में मलबे के नीचे से अभी भी आवाजें सुनाई दे रही हैं, और अधिक जीवित बचे लोगों को खोजने की उम्मीद की एक हल्की किरण की पेशकश कर रही है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, नौ लोगों को मंगलवार को तुर्की में मलबे से बचाया गया था और सहायता प्रयास का ध्यान अब आश्रय या पर्याप्त भोजन के बिना संघर्ष कर रहे लोगों की मदद करने के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है।सोमवार को दोनों देशों से मरने वालों की संख्या 37,000 से अधिक हो गई, जिससे यह इस सदी की दुनिया की सबसे खराब प्राकृतिक आपदाओं और 1939 के बाद से तुर्की के सबसे घातक भूकंपों में से एक बन गया।संयुक्त राष्ट्र के राहत प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने जो आशंका जताई है वह और दिल दहलाने वाला है। दरअसल, मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा है कि इस विनाशकारी भूकंप में 50 हजार से अधिक लोगों की जान गई होगी। उन्होंने कहा कि वास्तव में मैंने मृतकों की संख्या गिनना शुरू नहीं किया है लेकिन जिस तरह से मलबे दिख रहे हैं उससे साफ लग रहा है कि यह आंकड़ा 50 हजार से अधिक जा सकता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही, खोज और बचाव लोग मानवीय एजेंसियों के लिए रास्ता बनाएंगे, जिनका काम अगले महीनों के लिए प्रभावित लोगों की असाधारण संख्या को देखना होगा।
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