छतीसगढ़ विधानसभा का आज विशेष सत्र : CM भूपेश बघेल बोले- विधानसभा में पेश करेंगे अलग-अलग वर्गों के आरक्षण से जुड़ा विधेयक

admin
Updated At: 01 Dec 2022 at 12:55 PM
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार पिछली बीजेपी सरकार के पाप धोने में लगी है. अब राज्य में विभिन्न वर्गों के लिए आरक्षण से संबंधित विधेयक गुरुवार से शुरू हो रहे विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा. सीएम बघेल ने कहा कि विधेयक में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी, अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 04 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है. इस विधेयक के बाद राज्य में आरक्षण का कोटा 76 फीसदी पहुंच सकता है.
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छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार पिछली बीजेपी सरकार के पाप धोने में लगी है. अब राज्य में विभिन्न वर्गों के लिए आरक्षण से संबंधित विधेयक गुरुवार से शुरू हो रहे विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा. सीएम बघेल ने कहा कि विधेयक में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी, अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 04 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है. इस विधेयक के बाद राज्य में आरक्षण का कोटा 76 फीसदी पहुंच सकता है.
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कितना आरक्षण देगी सरकार?
भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव के लिए पूरी गांव में एक सभा को छत्तीसगढ़ी में संबोधित करते हुए बघेल ने रमन सिंह के नेतृत्व वाली पूर्व बीजेपी सरकार पर आदिवासियों और किसानों को लूटने और धोखा देने का आरोप लगाया. बघेल ने कहा कि हमारी सरकार ने सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम किया है. हमने आदिवासियों के हित में पेसा कानून के तहत नियम बनाए. 15 वर्ष तक रमन सिंह सरकार ने ऐसा क्यों नहीं किया? आज ये आरक्षण को लेकर हंगामा कर रहे हैं, हम उनके पाप धो रहे हैं. सीएम ने कहा कि अगर उन्होंने इसे (आरक्षण नियम) ठीक से तैयार किया होता तो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की कोई आवश्यकता नहीं होती. उन्होंने सिर्फ एक सर्कुलर (आरक्षण पर) जारी किया था, लेकिन हम एक अधिनियम बना रहे हैं.
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सीएम बघेल ने कहा कि हमने न केवल आदिवासियों के लिए 32 फीसदी बल्कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए भी 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया. हमने अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी और ईडब्ल्यूएस के लिए 04 फीसदी का प्रावधान किया है. यह (विधेयक) अगले दो दिन में विधानसभा में पेश किया जाएगा. छत्तीसगढ़ विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र गुरुवार से शुरू होगा. सत्र में राज्य में विभिन्न वर्गों के लिए शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और रोजगार में आरक्षण से संबंधित दो संशोधन विधेयक पेश किए जाएंगे.
धान खरीद पर सीएम ने क्या कहा?
राज्य में आरक्षण का मुद्दा तब उठा जब छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सितंबर माह में वर्ष 2012 में जारी राज्य सरकार के सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आरक्षण को 58 फीसदी तक बढ़ाने के आदेश को खारिज कर दिया था. साथ ही कहा था कि 50 फीसदी की सीमा से अधिक आरक्षण असंवैधानिक है. इस फैसले के बाद राज्य में आदिवासियों के लिए आरक्षण 32 फीसदी से घटकर 20 फीसदी हो गया. राज्य में लगभग 32 फीसदी जनसंख्या आदिवासियों की है. सभा को संबोधित करते हुए सीएम बघेल ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि रमन सिंह के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने आदिवासियों, किसानों और युवाओं को लूटने का काम किया.
सीएम बघेल ने कहा कि रमन सिंह सरकार के दौरान धान खरीद में अनियमितताएं थीं. चुनावी साल में ही बोनस दिया जाता था और फिर पूछते थे कोन अस (आपके कौन हैं). हमारी सरकार में कोरोना महामारी के दौरान भी भुगतान किया गया था. सीएम ने कहा कि हमने धान के प्रत्येक क्विंटल के लिए 2,500 रुपये और ऋण माफी का वादा किया था. कर्ज माफी का वादा पूरा हुआ और इस साल किसानों को प्रति क्विंटल धान के लिए 2640 रुपये मिल रहे हैं. सीएम बघेल ने कहा कि पूरे देश में सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही किसानों से धान की खरीद इतनी अधिक कीमत पर की जा रही है.
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सीएम ने बुधवार को कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में तीन चुनावी रैलियों को संबोधित किया. राज्य के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट से विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी की मृत्यु के बाद से यह सीट खाली है. इस सीट पर 05 दिसंबर को मतदान होगा और 08 दिसंबर को मतों की गिनती की जाएगी.
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