केरल पहुंचा मानसून, पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी : : देशभर में मौसम ने ली करवट, कई राज्यों में अलर्ट जारी

Faizan Ashraf
Updated At: 24 May 2025 at 12:14 PM
भारत में इस वर्ष मानसून ने समय से पहले दस्तक देकर मौसम के मिजाज को पूरी तरह से बदल दिया है। केरल में मानसून का आगमन सामान्य तिथि 1 जून से करीब एक सप्ताह पहले ही 25 मई को हो गया है, जो पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी माना जा रहा है। इससे पहले 2009 और 2001 में मानसून 23 मई को पहुंचा था, जबकि इतिहास में सबसे जल्दी मानसून 1918 में 11 मई को आया था।
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मौसम विभाग ने बताया कि मानसून के लिए अनुकूल परिस्थितियां पूरी तरह तैयार थीं और बीते दो दिनों से केरल में भारी बारिश हो रही है। इसका कारण कम दबाव का क्षेत्र और अरब सागर में सक्रिय मानसूनी सिस्टम है। अब यह सिस्टम धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों की ओर बढ़ रहा है।
दक्षिण भारत में भारी बारिश की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार को केरल, कोंकण, दक्षिणी कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अगले पांच दिनों तक भारी से भारी बारिश की संभावना जताई है। विशेषकर केरल और तटीय कर्नाटक में 29 मई तक 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
अरब सागर के पूर्व-मध्य हिस्से में बने कम दबाव के क्षेत्र के चलते रत्नागिरी और दापोली के तटवर्ती इलाकों में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है। इसके चलते समुद्र किनारे रहने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
देशभर में अलर्ट, कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
महाराष्ट्र के तटीय जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है, खासकर मुंबई में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाएं चल सकती हैं। गोवा में भी लगातार बारिश के बाद रेड अलर्ट है। दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने अचानक करवट ली है, और ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है।
झारखंड और अन्य हिस्सों में भी बदलाव
झारखंड में भी अगले कुछ दिनों तक गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। अधिकतम तापमान सामान्य से कम बना रह सकता है, जो 31 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
मानसून की गति और भविष्यवाणी
आमतौर पर मानसून केरल से 1 जून को शुरू होकर 8 जुलाई तक पूरे भारत को कवर करता है और फिर 17 सितंबर से लौटना शुरू करता है। लेकिन इस बार इसके समय से पहले पहुंचने से देश के मौसम पर व्यापक असर दिखने के संकेत हैं।
आईएमडी ने अप्रैल में ही अनुमान जताया था कि 2025 का मानसून सामान्य से अधिक वर्षा ला सकता है और अल नीनो की स्थिति की संभावना को खारिज किया गया था।
इस समय देश का एक बड़ा हिस्सा मौसम के बदलाव के दौर से गुजर रहा है। समय से पहले मानसून का आगमन जहां किसानों के लिए राहत की खबर है, वहीं इससे जुड़ी भारी बारिश और तूफानी हवाएं प्रशासन और आम जनजीवन के लिए चुनौतियां भी लेकर आ सकती हैं। मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लेने की जरूरत है ताकि जनहानि और नुकसान से बचा जा सके।
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