Ramadan 2025 : इस साल कब से शुरू होगा पाक महीना, जानें तिथि और महत्व और रोजा रखने के नियम

Sameer Irfan
Updated At: 18 Feb 2025 at 07:09 AM
इस्लाम धर्म में रमज़ान को एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। यह इस्लामी चंद्र कैलेंडर का नौवां महीना है, जो शाबान के बाद आता है। इस समय के दौरान, मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोज़ा रखते हैं और अपनी इबादत में समय बिताते हैं। रमज़ान के दौरान, लोग अपनी आत्मिक प्रगति के लिए दुआ और तिलावत करते हैं। इस पवित्र महीने के समाप्त होने पर ईद-उल-फितर का त्योहार बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, जिसमें लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं और विशेष पकवानों का आनंद लेते हैं। यह समय एकता और भाईचारे का प्रतीक होता है। रमज़ान का महीना न केवल उपवास का समय है, बल्कि यह आत्म-नियंत्रण, दया और परोपकार का भी अवसर प्रदान करता है। इस दौरान, लोग जरूरतमंदों की मदद करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित होते हैं। रमज़ान का यह महीना सभी के लिए एक नई शुरुआत और आध्यात्मिक उन्नति का समय होता है।
रमज़ान 2025 कब से शुरू होगा?
रमज़ान का आगाज़ 28 फरवरी 2025 (जुमा) को होने की संभावना है, लेकिन यह तारीख चाँद के दीदार पर निर्भर करेगी। यदि शाबान का चाँद 28 फरवरी को दिखाई देता है, तो पहला रोज़ा 1 मार्च 2025 (हफ़्ता) से शुरू होगा। रमज़ान के महीने में आमतौर पर 29 या 30 रोज़े रखे जाते हैं, जिसके बाद ईद-उल-फितर का उत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष ईद-उल-फितर 30 या 31 मार्च 2025 को मनाए जाने की संभावना है। रमज़ान का यह महीना मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है और इसे इबादत और तिलावत का समय माना जाता है।
रमजान का महत्व और धार्मिक मान्यता
इस्लामी विश्वास के अनुसार, रमज़ान के महीने में पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर अल्लाह की ओर से पवित्र कुरान की आयतें अवतरित हुईं। इसी कारण यह महीना इबादत, धैर्य और आध्यात्मिक शुद्धता का समय माना जाता है। इस अवधि में किए गए खैरात, जकात और अच्छे कार्य अल्लाह की कृपा प्राप्त करने का माध्यम बनते हैं। रमज़ान का यह महीना केवल इबादत का समय नहीं होता, बल्कि यह नफ्स पर नियंत्रण और सामाजिक सेवा के लिए भी एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। मुसलमान इस समय अपने नैतिकता को सुधारने और जरूरतमंदों की सहायता करने का प्रयास करते हैं। रमज़ान के दौरान, लोग अपने दिलों में दया और सहानुभूति का भाव जगाते हैं, जिससे समाज में एकता और भाईचारे की भावना बढ़ती है। यह महीना न केवल व्यक्तिगत सुधार का समय है, बल्कि सामूहिक रूप से एक बेहतर समाज बनाने का भी अवसर है। इस प्रकार, रमज़ान का महीना सभी के लिए एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक समय होता है।
रोजा रखने के नियम
रमज़ान के इस पवित्र महीने में सहरी (सुबह सूरज उगने से पहले का भोजन) और इफ़्तार (सूर्यास्त के बाद का भोजन) का विशेष महत्व होता है। रोज़ा रखने के दौरान खाने-पीने, झूठ बोलने, गलत कार्यों, गुस्से और ईर्ष्या से बचने की सख्त सलाह दी गई है। यह माना जाता है कि इन कार्यों से रोज़े की पवित्रता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस पाक महीने में नमाज़ पढ़ना, कुरान-ए-पाक की तिलावत करना, जरूरतमंदों की सहायता करना और अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। रमज़ान का यह महीना न केवल आत्म-सुधार का अवसर प्रदान करता है, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा देता है। इस समय, मुसलमान अपने इरादों को मजबूत करने और अपने आध्यात्मिक सफर को और बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। रमज़ान के दौरान, लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर अपने अनुभव साझा करते हैं और एकजुटता का एहसास करते हैं, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा मिलती है। यह महीना न केवल व्यक्तिगत विकास का समय है, बल्कि सामूहिक रूप से एकजुट होकर आगे बढ़ने का भी अवसर है।
ईद-उल-फितर 2025 की संभावित तिथि
रमज़ान के पूरे 29 या 30 दिनों के बाद चाँद के दर्शन के अनुसार ईद-उल-फितर की तिथि निर्धारित की जाती है। इस वर्ष भारत में ईद-उल-फितर 30 या 31 मार्च 2025 को मनाई जा सकती है। इस विशेष दिन पर लोग ईद की नमाज़ अदा करते हैं, एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई देते हैं और स्वादिष्ट व्यंजनों जैसे सेवइयाँ, बिरयानी, कबाब आदि का आनंद लेते हैं। यह त्योहार भाईचारे और एकता का प्रतीक है, जिसमें सभी लोग मिलकर खुशियों का इज़हार करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं। इस दिन का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि यह सामाजिक मेलजोल और आपसी संबंधों को भी मजबूत करता है। लोग एक-दूसरे के घर जाकर मिठाइयाँ बांटते हैं और एक-दूसरे की खुशियों में शामिल होते हैं। इस प्रकार, ईद-उल-फितर एक ऐसा अवसर है जो सभी को एकजुट करता है और प्रेम और सद्भावना का संदेश फैलाता है।
रमज़ान 2025 (Ramzan 2025) इस्लाम के सबसे पवित्र महीने के रूप में जाना जाता है, जो 28 फरवरी या 1 मार्च 2025 से आरंभ होगा और 30 या 31 मार्च 2025 को ईद-उल-फितर के साथ समाप्त होगा। इस महीने में रोज़ा रखना, नमाज़ अदा करना, कुरान-ए-पाक की तिलावत करना और जरूरतमंदों की सहायता करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस वर्ष रमज़ान की सही तिथियाँ चाँद के दीदार पर निर्भर करेंगी। इसलिए, रमज़ान और ईद की निर्धारित तिथियों को जानने के लिए, अपने क्षेत्र की इस्लामी समितियों और चाँद देखने की घोषणाओं पर ध्यान रखें। यह सुनिश्चित करें कि आप सही जानकारी प्राप्त करें ताकि आप इस पवित्र महीने का सही तरीके से पालन कर सकें और अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभा सकें। रमज़ान का यह महीना सभी मुसलमानों के लिए एक विशेष अवसर है, जिसमें वे अपने इबादत और समाज सेवा पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
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