युवाओं को सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने एवं उनकी प्रतिभा को निखारने होगा युवा उत्सव का आयोजन

admin
Updated At: 11 Nov 2022 at 06:10 PM
राज्य के युवाओं को सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने एवं उनकी प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से युवा उत्सव 2022-23 का आयोजन किया जा रहा है। युवा उत्सव का आयोजन विकासखण्ड, जिला, संभाग और राज्य स्तर पर किया जाएगा। विकासखण्ड युवा उत्सव का आयोजन 15 नवंबर 2022 तक, जिला स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन 16 नवंबर से 10 दिसंबर तक, संभाग स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन 11 दिसंबर से 31 दिसंबर तक और राज्य स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन 12 से 14 जनवरी 2023 तक किया जाएगा। युवा उत्सव का आयोजन दो आयु वर्ग 15 से 40 वर्ष तक एवं 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में किया जाएगा।
युवा उत्सव का आयोजन खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है। आयोजन के संबंध में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार युवा वर्ग में 18 विधाओं में प्रतियोगिताएं होंगी। इन विधाओं में लोकनृत्य, लोकगीत, एकांकी नाटक (हिन्दी, अंग्रेजी भाषा, छत्तीसगढ़ी), शास्त्रीय गायन हिन्दुस्तानी शैली, शास्त्रीय गायन कर्नाटक शैली, सितार वादन (शास्त्रीय वादन), बांसुरी वादन (शास्त्रीय वादन), तबला वादन (शास्त्रीय वादन), वीणा वादन (शास्त्रीय वादन), मृदगंम वादन(शास्त्रीय वादन), हारमोनियम वादन (सुगम वादन), गिटार वादन (भारतीय एवं पाश्चात्य संगीत), मणीपुरी (शास्त्रीय नृत्य), ओडिसी (शास्त्रीय नृत्य), भरतनाट्यम (शास्त्रीय नृत्य), कत्थक (शास्त्रीय नृत्य), कुचीपुड़ी (शास्त्रीय नृत्य), वक्तृत्व कला (शास्त्रीय नृत्य) शामिल हैं।
उपरोक्त विधाओं के अतिरिक्त पारंपरिक एवं अन्य गतिविधियां भी आयोजन में सम्मिलित होंगी। इनमें सुआ, पंथी, करमा नाचा, सरहुल नाचा, बस्तरिहा लोकनृत्य, राउत नाचा, फुगड़ी, भौंरा, गेड़ी दौड़, रॉक बैंड (सीधे राज्य स्तर पर सम्मिलित किया जाएगा), पारंपरिक वेशभूषा (विविध वेशभूषा) प्रतियोगिता, फूड फेस्टिवल-छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के आधार पर प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता-छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति के चित्रण के आधार पर, कबड्डी, खो-खो, कुश्ती, मुख्यमंत्री श्री भूपेश के द्वारा की गई घोषणानुसार राज्य के लोक साहित्य को भी शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य विविध संस्कृति एवं विविध बोलियों वाला प्रदेश है, अतः जिला स्तर पर स्थानीय लोक कला (जैसे-पेंटिंग, हैण्डीक्राप्ट, भित्तीचित्र एवं अन्य), लोक भाषा का साहित्य जैसे गोंडी, हल्बी, कुडूक आदि एवं अन्य सभी लोक भाषा के जो भी लोक कलाकार प्रस्तुति देना चाहें, यदि वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हों, उन सभी को जिला स्तर पर शामिल किया जाएगा। बौद्धिक श्रेणी में वाद-विवाद (तात्कालिक एवं समसमायिक विषयक), क्विज, निबंध प्रतियोगिताएं होंगी।
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