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Thursday, Mar 13, 2025
ED Raid : : छत्तीसगढ़ विधानसभा में ईडी की रेड पर मचा घमासान, भूपेश बघेल के घर छापेमारी की गूंज दिल्ली तक
रायपुर:छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी अब विधानसभा से लेकर दिल्ली तक चर्चा का विषय बन गई है। सोमवार सुबह ईडी की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके करीबी और कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर दबिश दी। इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर तीखा हमला बोला और इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया। विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी की, गर्भगृह तक पहुंचकर विरोध जताया, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और उन्होंने वॉकआउट कर दिया।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इसे भाजपा की हताशा बताया और कहा,"अब भाजपा की राजनीति जांच एजेंसियों के सहारे चल रही है। सात साल पुराने झूठे केस को अदालत ने खारिज कर दिया, लेकिन अब दुर्भावनापूर्ण तरीके से ईडी को मोहरा बनाया जा रहा है।"भूपेश बघेल के घर रेड, विपक्ष का वारसोमवार सुबह ईडी की टीम चार गाड़ियों में सवार होकर भूपेश बघेल के भिलाई स्थित पदुमनगर निवास पहुंची। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इसे भाजपा की साजिश करार देते हुए कहा,"यह कोई हैरानी की बात नहीं है। भाजपा विपक्ष की आवाज दबाने के लिए ईडी का इस्तेमाल कर रही है। यह छापेमारी किस केस में हो रही है, किसी को नहीं पता।"उन्होंने आगे कहा,"कुछ दिन पहले ही कोर्ट ने सीबीआई द्वारा दर्ज केस को खारिज कर दिया था। भाजपा अब विपक्षी नेताओं पर दबाव बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।"राजनीतिक षड्यंत्र या कानूनी कार्रवाई?पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा,"भाजपा दुर्भावनापूर्ण राजनीति कर रही है। ईडी की इस कार्रवाई से कुछ नहीं निकलेगा। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरेगी और पूरी ताकत से लड़ेगी।"दिल्ली तक गूंजा मामलाईडी की इस कार्रवाई की गूंज दिल्ली तक पहुंच चुकी है। कांग्रेस इसे "हेडलाइन बदलने की साजिश" बता रही है। पवन खेड़ा ने कहा,"जब संसद का सत्र शुरू हो रहा है, तब भाजपा घिरी हुई है। महंगाई, अर्थव्यवस्था की बदहाली और वोटर्स लिस्ट फ्रॉड जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यह छापेमारी कराई गई है।"उन्होंने चुनौती देते हुए कहा,"भाजपा को समझ लेना चाहिए कि वह कांग्रेस को रोक नहीं पाएगी। ना हमारे नेता डरे हैं, ना डरेंगे!"क्या छत्तीसगढ़ में नया राजनीतिक मोड़ आने वाला है?भूपेश बघेल फिलहाल पंजाब कांग्रेस के प्रभारी की भूमिका निभा रहे हैं, जिससे उनकी राष्ट्रीय राजनीति में सक्रियता बढ़ रही है। ऐसे में यह छापेमारी भाजपा द्वारा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को रोकने की कोशिश मानी जा रही है।अब सवाल यह है कि क्या इस छापेमारी के राजनीतिक मायने हैं? क्या कांग्रेस इस मुद्दे को और धार देगी? और क्या भाजपा के लिए यह दांव उल्टा पड़ सकता है?छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल तेज हो चुकी है, अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि अगला कदम कौन उठाता है!
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