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Legend मिनीमाता जयंती विशेष: : समाज सुधार और नारी सशक्तिकरण की प्रेरणा , सामाजिक न्याय और सेवा का प्रतीक – मिनीमाता"

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सीजी नाउ न्यूज़ | छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ की सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण की प्रतीक मिनीमाता जी की जयंती केवल एक तिथि नहीं, बल्कि समाज में बदलाव और सुधार के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का उत्सव है। वे छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद थीं, जिन्होंने दलितों, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।जीवन परिचयमिनीमाता जी का जन्म 1913 में असम में हुआ था। वे बचपन से ही समाज सेवा के प्रति समर्पित थीं। विवाह के बाद वे छत्तीसगढ़ आईं और अपने पति गुरु अग्नि दास जी के साथ मिलकर समाज सुधार के कार्यों में जुट गईं।राजनीतिक सफर और समाज सेवामिनीमाता जी 1952 में पहली बार लोकसभा सांसद बनीं और छत्तीसगढ़ से चुनी गई पहली महिला सांसद होने का गौरव प्राप्त किया। वे लगातार तीन बार लोकसभा सांसद रहीं और समाज के वंचित वर्गों के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए।महिला अधिकार और सामाजिक सुधार में योगदानअस्पृश्यता उन्मूलन : मिनीमाता ने दलितों और पिछड़े वर्गों को समाज में समान अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया।बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ कानून : उन्होंने महिला अधिकारों की रक्षा के लिए नीतियों और कानूनों की वकालत की।नारी शिक्षा को बढ़ावा : उन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया।मिनीमाता और मिनीमाता निषाद समाज सुधार अधिनियममिनीमाता जी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान "मिनीमाता निषाद समाज सुधार अधिनियम" है, जिसे छत्तीसगढ़ सरकार ने जलाशयों में मछुआरों के अधिकारों की रक्षा के लिए पारित किया। इससे हजारों मछुआरों को जीविका का अधिकार मिला।विरासत और प्रेरणामिनीमाता केवल एक नाम नहीं, बल्कि संघर्ष, सेवा और नारी सशक्तिकरण का प्रतीक हैं। उनकी विचारधारा आज भी समाज सुधारकों, महिलाओं और युवाओं को प्रेरित करती है। छत्तीसगढ़ में उनके सम्मान में मिनीमाता बलाई जयंती मनाई जाती है, जिससे नई पीढ़ी उनके योगदान से प्रेरणा ले सके।मिनीमाता जी का जीवन हमें सिखाता है कि संघर्ष, सेवा और न्याय के प्रति समर्पण ही समाज में वास्तविक बदलाव लाता है। उनकी जयंती के अवसर पर हमें उनके आदर्शों को अपनाकर समाज में समानता, शिक्षा और न्याय को बढ़ावा देने का संकल्प लेना चाहिए।

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