जशपुर। जशपुर पुलिस ने ऑपरेशन अंकुश के तहत नाबालिग से मारपीट और प्रताड़ना के मामले में फरार चल रहे आरोपी रितेश प्रताप सिंह को पकड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी दो जून को न्यायालय पेशी से लौटते समय लोरो घाट में पुलिस वाहन से कूदकर भाग गया था। घटना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर विशेष टीम गठित की। मुखबिर तंत्र और तकनीकी निगरानी की मदद से पुलिस ने अंततः सरबकोम्बो बादलखोल जंगल में घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
भागने की पूरी कहानी
रितेश प्रताप सिंह, निवासी ग्राम डुगडुगीया थाना कुनकुरी, वर्ष 2023 में नाबालिग लड़की को शादी का झांसा देकर भगाने और प्रताड़ित करने के मामले में पहले ही जेल जा चुका था। 17 मई 2025 को वह फिर उसी लड़की को मोटरसाइकिल पर बैठाकर बादलखोल जंगल ले गया, जहां उसने गाली-गलौज और मारपीट की, फिर कुनकुरी और नारायणपुर ले जाकर उसके गुप्तांगों को सिगरेट से दाग दिया और शरीर पर दांत काटे। पीड़िता किसी तरह भागकर थाने पहुंची, जिसके बाद नारायणपुर थाने में भारतीय न्याया संहिता की धाराएँ 296, 115(2), 118, 64 और 62 में अपराध दर्ज कर 20 मई को आरोपी को जेल भेजा गया।
बस से कूदकर फरार, पुलिसकर्मी निलंबित
दो जून को पेशी के लिए उसे जिला जेल जशपुर से कुनकुरी न्यायालय ले जाया गया। लौटते समय शाम करीब 7.45 बजे लोरो घाट में चलती बस से कूदकर वह फरार हो गया। इस लापरवाही पर एसएसपी ने पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और आरोपी को पकड़ने के लिए निरीक्षक कृष्ण कुमार साहू और निरीक्षक संत लाल आयाम के नेतृत्व में संयुक्त टीम बनाई।
मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तारी
पुलिस टीम लगातार संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी। मुखबिर से सूचना मिली कि रितेश सरबकोम्बो बादलखोल जंगल में छिपा है और भागने के लिए पैसे का इंतजाम कर रहा है। सूचना मिलते ही टीम ने इलाके की घेराबंदी की और जंगल से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी में संत लाल आयाम, प्रधान आरक्षक मोहन बंजारे, आरक्षक बसंत खुटिया, विनोद राम, सुरेंद्र निराला, याकूब एक्का और आनंद खलखो की अहम भूमिका रही।
नगद पुरस्कार और आगे की कार्यवाही
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने आरोपी को पकड़ने में विशेष योगदान के लिए निरीक्षक संत लाल आयाम और आरक्षक बसंत कुमार खुटिया को नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है। पुलिस ने आरोपी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और बस से फरार होने के मामले में दुलदुला थाने में भारतीय न्याया संहिता की धारा 262 के तहत अलग अपराध दर्ज किया गया है।
पुलिस का कहना है कि पेशेवर तरीके से चलाए गए ऑपरेशन अंकुश ने यह साबित किया है कि फरार आरोपियों को कोई भी जंगल या पहाड़ी इलाका ज्यादा देर तक छिपा नहीं सकता।