रेलवे ने टिकट बुकिंग और यात्रा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब वेटिंग लिस्ट में फंसे यात्रियों को आखिरी समय तक इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। रेलवे ने वेटिंग चार्ट को चार घंटे की बजाय 24 घंटे पहले ही तैयार करने की नई व्यवस्था लागू की है, जिससे यात्री अपनी यात्रा के विकल्पों की योजना समय से बना सकेंगे।
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बीकानेर डिवीजन में पायलट प्रोजेक्ट शुरू
यह योजना 6 जून से बीकानेर डिवीजन में एक ट्रेन पर प्रयोग के तौर पर शुरू की गई है। रेलवे सूत्रों का कहना है कि शुरुआती चार दिनों में इस प्रयोग के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। यात्रियों को यात्रा से पहले ही स्थिति की जानकारी मिल रही है, जिससे वे वैकल्पिक साधनों की योजना भी बना पा रहे हैं।
भीड़भाड़ वाले रूट्स पर होगा विस्तार
रेलवे का अगला लक्ष्य उन रूट्स पर इस व्यवस्था को लागू करना है जहां वेटिंग लिस्ट आमतौर पर बहुत लंबी होती है। इसमें दिल्ली से यूपी, बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे रूट्स शामिल हैं। इन मार्गों पर सालभर टिकटों की भारी मांग रहती है, और वेटिंग लिस्ट कई बार 400 से भी पार चली जाती है।
रेल मंत्री को मिला सुझाव, तुरंत दी मंजूरी
21 मई को बीकानेर दौरे पर पहुंचे रेल मंत्री को रेलवे अधिकारियों ने इस नए विकल्प की जानकारी दी। रेल मंत्री ने इसे तुरंत मंजूरी देते हुए इसे देशभर में लागू करने की दिशा में पहल की घोषणा की। अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था से यात्रियों की परेशानी कम होगी और रेलवे भी अधिक प्रभावी योजना बना सकेगा।
यात्रियों को वैकल्पिक यात्रा की सुविधा
चार घंटे पहले चार्ट बनने से यात्रियों को यह मालूम नहीं हो पाता था कि उनका टिकट कन्फर्म हुआ या नहीं। लेकिन अब 24 घंटे पहले ही स्थिति स्पष्ट हो जाने से वे फ्लाइट, बस या अन्य परिवहन साधनों का विकल्प चुन सकते हैं। इससे अनावश्यक मानसिक तनाव और असमंजस की स्थिति खत्म होगी।
कोच प्लानिंग में भी मददगार
चार घंटे पहले चार्ट बनने पर रेलवे को अतिरिक्त कोच लगाने या दूसरी व्यवस्थाओं पर काम करने का वक्त नहीं मिल पाता था। अब एक दिन पहले चार्ट तैयार होने से रेलवे के पास पर्याप्त समय होगा कि वह मांग के अनुसार कोच बढ़ाने या क्लोन ट्रेन चलाने जैसे विकल्पों पर विचार कर सके।
टिकट कैंसिल और नो-शो यात्रियों पर नियंत्रण
रेलवे के आंकड़ों के अनुसार करीब 21% यात्री टिकट बुक करने के बाद उसे रद्द कर देते हैं, जबकि 4–5% यात्री टिकट होने के बावजूद यात्रा नहीं करते। ऐसे में यदि एक दिन पहले चार्ट बनेगा तो रेलवे के पास वास्तविक यात्री संख्या का बेहतर आंकलन होगा और योजना अधिक सटीक तरीके से बनाई जा सकेगी।
तत्काल टिकट व्यवस्था यथावत
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि इस नई व्यवस्था के लागू होने के बावजूद तत्काल टिकट की मौजूदा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यात्री पूर्ववत ही तत्काल टिकट ले सकेंगे।
रिग्रेट टिकटों पर भी मिलेगी राहत
कई ट्रेनों में भारी वेटिंग के कारण टिकट ‘रिग्रेट’ हो जाते हैं, यानी टिकट मिलना संभव नहीं होता। लेकिन अब यदि एक दिन पहले ही स्थिति स्पष्ट हो जाती है तो रेलवे समय रहते क्लोन ट्रेन या वैकल्पिक व्यवस्था कर सकेगा।
रेलवे की यह नई पहल न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि यात्रियों के लिए यात्रा योजना बनाने को आसान बनाएगी। शुरुआती सफल प्रयोग के बाद जल्द ही यह देशभर की प्रमुख ट्रेनों और रूट्स पर लागू किया जा सकता है। इससे वेटिंग लिस्ट की समस्या और अंतिम समय की अराजकता पर लगाम लगेगी।