आठ साल बाद फिर छूट की उम्मीद, पुरानी व्यवस्था ही करदाताओं को आ रही पसंद

admin
Updated At: 09 Jan 2023 at 05:49 PM
साल 2020 के बजट में पेश की गई नई टैक्स व्यवस्था के बजाय ज्यादातर लोग पुरानी टैक्स व्यवस्था को पसंद कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें ज्यादा टैक्स बचाने के लिए विभिन्न कटौतियों का उपयोग करना उन्हें रास आ रहा है। धारा 80सी को 2005 के बजट में बदला गया था। तब शुरुआती सीमा एक लाख रुपये थी। 2014-15 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये प्रति वित्त वर्ष कर दिया था। उसके बाद से इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई।
2014-15 में की गई वृद्धि से आठ साल बाद इस बार फिर इस सीमा के बढ़ने की उम्मीद है। मध्य वर्ग के करदाताओं को कमरतोड़ महंगाई से राहत दिए जाने की जरूरत है। रहन-सहन के खर्चों में लगातार वृद्धि ने मध्य वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा मुश्किल में डाला है। बढ़ती ब्याज दरों के कारण कर्ज की किस्त में भी वृद्धि हुई है। इसने घरेलू बजट को और बिगाड़ दिया है व कमाई को कम कर दिया है।
टैक्स विशेषज्ञ बताते हैं कि परिस्थितियां ऐसी हैं कि वे इसकी सीमा में वृद्धि की गारंटी देती हैं। टैक्स डिडक्शन लोगों को निवेश करने के लिए प्रेरित कर सकता है। जब मोदी सरकार साल 2019 में दोबारा सत्ता में आई तो ज्यादातर व्यक्तिगत करदाताओं को इस सरकार से बड़ी राहत की उम्मीद थी। लेकिन पिछले तीन बजट में ऐसा अब तक नहीं हुआ है। अगले साल सरकार लेखानुदान के लिए जा सकती है। ऐसे में सरकार आम चुनाव से पहले मध्य वर्ग के करदाताओं को कुछ राहत दे सकती है।
चूंकि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में महंगाई इतनी बड़ी चिंता का विषय नहीं रही है। इसलिए अब यह स्थिति सरकार को मध्य वर्ग के करदाताओं में सबसे लोकप्रिय टैक्स बचाने वाली 80सी की सीमा बढ़ाने के लिए मजबूर कर सकती है। 2014-15 में लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (सीआईआई) 240 था। यह अब 331 है और वर्तमान महंगाई दर को अगर 6 फीसदी भी माना जाए तो यह अगले वित्त वर्ष के लिए लगभग 351 आता है। इसी के लिए अब इस वृद्धि पर चर्चा की जा रही है। इसके हिसाब से मौजूदा सीमा लगभग 2.19 लाख रुपये होनी चाहिए।
nविशेषज्ञों का कहना है कि पीपीएफ और अन्य कर बचत योजनाओं में निवेश को कटौती के रूप में अनुमति दी जानी चाहिए। बजट में रियायती आयकर व्यवस्था के तहत 30% कर की सीमा को 20 लाख रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि इसे मध्यम आय वाले करदाताओं के लिए आकर्षक बनाया जा सके।
खर्च और निवेश सहित 10 से अधिक चीजें हैं, जिसके लिए एक करदाता धारा 80 सी के तहत कटौती का दावा कर सकता है। विशेष रूप से वेतनभोगी व्यक्ति प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) में अनिवार्य योगदान के साथ 1.5 लाख रुपये की कटौती सीमा को समाप्त कर देते हैं। इससे होम लोन के मूलधन, जीवन बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम, छोटी बचत योजनाओं में निवेश, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम आदि के पुनर्भुगतान के लिए कटौती का दावा करने की कम गुंजाइश बचती है। ऐसे में यदि कोई लंबे समय के लिए निवेश करना चाहता है और टैक्स को बचाना चाहता है तो यह सीमा कम पड़ जाती है।
करदाताओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत यह नहीं भूलना चाहिए कि समय के साथ-साथ महंगाई आदि के कारण पैसे या निवेश का मूल्य कम हो गया है। करदाताओं को बचत और निवेश के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए मौजूदा सीमा को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने पर विचार किया जा सकता है। -अजय कुमार सिंह, सीए.
Follow us on
Advertisement

जरूर पढ़ें

फगुआ 2025: : उरांव समुदाय का पवित्र अनुष्ठान, सोनो-रूपो के आतंक से मुक्ति का उत्सव सरहुल और होली से पहले गूंजेगा फगुआ का उल्लास

होली 2025: : खुशियों के रंग और पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प

Join Indian Army through NCC Special Entry! : भारतीय सेना में NCC स्पेशल एंट्री से अधिकारी बनने का सुनहरा मौका,आवेदन प्रक्रिया शुरू

आज से होलाष्टक शुरू: : फाल्गुन मास में इसका विशेष महत्व,होलाष्टक के दौरान क्या करें और क्या न करें?

Airtel का सस्ता धमाका : 199 रुपये वाला प्लान, 28 दिन की वैधता और अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ मिलेंगे ये फायदे! जानिए पूरी डिटेल

Jio का नया धमाका : OTT और क्रिकेट प्रेमियों के लिए Jio का खास प्लान, ₹195 में 15GB डेटा और फ्री JioHotstar सब्सक्रिप्शन

"planetary parade. 2025": : आसमान में दिखेगा अद्भुत नज़ारा: सात ग्रह होंगे एक सीध में

सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी : यूनिफाइड पेंशन स्कीम से मिलेगी गारंटीड पेंशन, 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी पेंशन स्कीम

फास्टैग रिचार्ज में बदलाव: : अब जुर्माना भरने से बचने के लिए समयसीमा का पालन करना होगा

TRAI: : स्पैम कॉल और संदेशों पर लगेगा 10 लाख तक जुर्माना, TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों पर कसा शिकंजा
Advertisement